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CM योगी के साथ काशी की भव्‍य देव दीपावली को नाव में बैठकर निहारेंगे PM नरेंद्र मोदी

इस बार देव दीपावली पर पीएम नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होंगे. इस बार काशी में देव दीपावली के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी नौका विहार करेंगे और वहीं से काशी की भव्‍य और दिव्‍य देव दीपावली की छटा को निहारेंगे.

Updated on: 29 Nov 2020, 12:22 AM

नई दिल्ली:

इस बार देव दीपावली पर पीएम नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होंगे. इस बार काशी में देव दीपावली के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी नौका विहार करेंगे और वहीं से काशी की भव्‍य और दिव्‍य देव दीपावली की छटा को निहारेंगे. काशी के 84 घाटों पर पर्यटन विभाग की ओर से देव दीपावली के दिन 15 लाख दीये जलाए जाने की तैयारी की जा रही है. बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा इस बार 30 नवम्बर को मनाया जाएगा. काशी में पीएम मोदी इस बार 6 घंटे 40 मिनट का समय बिताएंगे. पीएम मोदी 30 नवंबर को दोपहर 2:10 बजे काशी पहुंचेंगे और अलकनंदा क्रूज से नौका विहार करते हुए चेत सिंह घाट पहुंचेंगे, जहां गंगा की लहरों से लेजर शो का दीदार करेंगे.

लेजर शो का दीदार करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी गंगा पार रेती पर सैंड आर्ट का भी जायजा लेंगे. लखनऊ और वाराणसी के कलाकार गंगापार रेत पर काशी विश्वनाथ धाम, राममंदिर ,भगवान शंकर और बुद्ध के अलावा काशी के घाटों की थीम पर सैंड आर्ट बना रहे हैं. देव दीपावली पर सैंड आर्ट को दीपों से भी सजाया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा में 7 किलोमीटर तक नौका विहार करेंगे. वे  भैंसासुर घाट पर दीप जलाकर देव दीपावली का उद्घाटन करने के बाद क्रूज से राजघाट से रविदास घाट तक जाएंगे. 

पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में करीब 11 हजार जवानों की तैनाती की गई है. सुरक्षा में 20 आईपीएस अफसर, 26 एसपी, 85 डिप्टी एसपी समेत 800 इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर तैनात होंगे. इनके अलावा पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी सुरक्षा में तैनात रहेंगे. 

उधर, राज्‍य के संस्कृति विभाग की ओर काशी के 15 घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें स्थानीय कलाकारों को मौका दिया जाएगा. तुलसी घाट पर नमामि गंगे नाट्य प्रस्तुति, निषादराज घाट पर घूमर एवं चरी लोक नृत्य, महानिर्वाणी घाट पर डांडिया लोक नृत्य, प्राचीन हनुमान घाट पर लोक नृत्य, चौकी घाट पर लोक नृत्य, राजा घाट पर लोक नृत्य, पाण्डेय घाट पर कथक समूह नृत्य, राजेन्द्र प्रसाद घाट पर बांग्ला लोक नृत्य के कार्यक्रम पेश किए जाएंगे.

दरभंगा घाट पर लोक नृत्य, सिंधिया घाट पर शास्त्रीय समूह नृत्य, रामघाट पर गरद (सिंगा एवं गुद्दूम मादर वाद्य यंत्र वादन), बूंदी परकोटा घाट पर कर्मा एवं सैला लोकनृत्य, लालधाट पर गोंडी लोकनृत्य, बद्रीनारायण घाट पर राजस्थान के लोकनृत्य और नंदेश्वर घाट पर रास लोकनृत्य होंगे.