वेलेंटाइन डे के दिन अस्त हो जाएगा शुक्र ग्रह और गुरु का होगा उदय, जानें क्या होगा असर
14 फरवरी को शुक्र ग्रह अस्त हो रहा है. इसके साथ ही 17 जनवरी से अस्त चल रहे गुरु यानी बृहस्पति ग्रह का उदय होगा. शुक्र ग्रह को विवाह व अन्य मांगलिक कार्यों के लिए कारक माना जाता है. इस हालात में इस साल 15 अप्रैल तक मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे.
नई दिल्ली:
14 फरवरी को शुक्र ग्रह अस्त हो रहा है. इसके साथ ही 17 जनवरी से अस्त चल रहे गुरु यानी बृहस्पति ग्रह का उदय होगा. शुक्र ग्रह को विवाह व अन्य मांगलिक कार्यों के लिए कारक माना जाता है. इस हालात में इस साल 15 अप्रैल तक मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे. गुरु ग्रह का उदय मांगलिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, तो शुक्र ग्रह का उदय भी मांगलिक कार्यों के लिए उतना ही महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि शुक्र ग्रह के प्रभाव से ही व्यक्ति को भौतिक सुख, भोग-विलास, सौन्दर्य, कला-प्रतिभा, रोमांस और वैवाहिक सुख हासिल होती है. शुक्र ग्रह अस्त होने से नींव पूजन, शादी, मुंडन, ग्रह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे. दूसरी ओर, नामकरण, पूजन-हवन, कथा, सगाई, वाहन और ज्वेलरी खरीदारी की जा सकती है. 16 फरवरी 2021 को वसंत पंचमी मनाई जाएगी. वसंत पंचमी को शास्त्रों में शादी-विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त माना गया है, लेकिन इस बार सूर्योदय के साथ शुक्र ग्रह के अस्त होने से शादी का योग नहीं बन पा रहा है.
2021 में शादी के लिए शुभ मुहूर्त
- अप्रैल : 22, 24, 25, 26, 27, 30
- मई : 1, 3, 7, 8, 15, 21, 22, 24
- जून : 4, 5, 19, 30
- जुलाई : 1, 2, 15
- नवंबर : 19, 20, 21, 28, 29, 30
- दिसंबर : 1, 6, 7, 11, 12,13
सूर्य के काफी नजदीक पहुंच रहा शुक्र ग्रह
वैदिक ज्योतिष शास्त्र की मानें तो सूर्य के समीप किसी भी ग्रह के जाने से उसे अस्त हुआ माना जाता है. कई बार शुक्र ग्रह किसी खास स्थिति में सूर्य के इतना पास पहुंच जाता है कि दोनों के बीच 10 अंश का अंतर ही रह जाता है और फिर शुक्र ग्रह को अस्त मान लिया जाता है. अस्त की स्थिति में शुक्र ग्रह शुभ फल देने में कमी कर सकता है.
22 अप्रैल तक शादी का कोई मुहूर्त नहीं
इस साल 22 अप्रैल को नए साल का पहला लग्न पड़ रहा है, जिसे शादी-विवाह के योग्य माना गया है. इस पूरे साल में शादी के लिए कुल 50 दिन ऐसे हैं, जिन्हें शुभ विवाह के योग्य माना गया है. देव शयनी एकादशी से पहले यानी 15 जुलाई तक शादी के 37 मुहूर्त हैं. 15 नवंबर को देव उठनी एकादशी से 13 दिसंबर तक 13 दिन विवाह के लिए शुभ हैं. वसंत पंचमी को भी शादी के योग्य नहीं माना गया है, जबकि वसंत पंचमी शादी के लिए अबूझ लग्न मानी जाती है.
मकर राशि में प्रवेश के साथ ही सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं और यह समय शादी-विवाह और अन्य शुभ कार्यों के लिए अति विशिष्ट होता है. हालांकि इस बार 14 जनवरी के बाद भी कुछ अलग योग बनने से शादी-विवाह का योग नहीं बन पा रहा है. 16 जनवरी को सूर्य देव गुरु के पश्चिम दिशा में अस्त होकर 12 फरवरी को उदित होंगे. वहीं सुख-संपन्नता के कारक ग्रह शुक्र 14 फरवरी 2021 को पूर्व दिशा में अस्त हो जाएंगे, जो 19 अप्रैल को पश्चिम दिशा में उदित होंगे.
सूर्य देव के 14 मार्च से 14 अप्रैल तक मीन राशि में होने के चलते खरमास लगा रहेगा. सूर्य, बृहस्पति एवं शुक्र की स्थिति अच्छी न होने से विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं होगा. यही कारण है कि 16 दिसम्बर 2020 से 22 अप्रैल 2021 तक वैवाहिक कार्यक्रम नहीं हो पाएंगे. वैवाहिक कार्यक्रम 22 अप्रैल 2021 के बाद ही शुरू हो पाएंगे.
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