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इस तारीख से शुरू है पितृ पक्ष, जानिए क्या है इसका महत्व

पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष 20 सितंबर 2021, सोमवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होंगे. पितृ पक्ष का समापन 6 अक्टूबर 2021, बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगा.

Updated on: 11 Sep 2021, 06:00 AM

highlights

  • हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है
  • पितृ पक्ष का  समापन 6 अक्तूबर को होगा
  • 20 सितंबर को भाद्र पूर्णिमा तिथि है 

 

नई दिल्ली:

हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व माना गया है. पितृ पक्ष में पितरों को याद किया जाता है, उनका आभार व्यक्त किया जाता है. मान्यता है कि पितृ प्रसन्न होने पर जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करते हैं और जीवन में सुख समृद्धि प्रदान करते हैं.  पितृ पक्ष में प्रियजनों का श्राद्ध और तर्पण करने की परंपरा है. पितृ पक्ष में श्राद्ध करने की भी परंपरा है. श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा से है. पितृ पक्ष जब आरंभ होते हैं तो पितरों के प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाती है. पितृ पक्ष में पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष 20 सितंबर 2021, सोमवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होंगे. पितृ पक्ष का समापन 6 अक्टूबर 2021, बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगा. इस दिन को आश्विन अमावस्या, बड़मावस और दर्श अमावस्या भी कहा जाता है. वर्ष 2021 में 26 सितंबर को श्राद्ध की तिथि नहीं है. 20 सितंबर को भाद्र पूर्णिमा तिथि है। इस दिन सबसे पहला तर्पण तिथि भी कहा जाता है. 

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पितृ पक्ष का खास है महत्‍व 
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्‍व होता है। मृत्‍यु के बाद भी हिंदू धर्म में पूर्वजों का समय-समय पर स्‍मरण किया जाता है और श्राद्ध पक्ष उन्‍हीं के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर करने और उनके निमित्‍त दान करने का पर्व है.

इस बार गया में नहीं लगेगा पितृपक्ष मेला
हिदू धर्म की अगाध आस्था के प्रतीक पितृपक्ष में मेले का आयोजन नहीं होने से पंडा समाज पर ही नहीं, गया के कारोबार पर भी बड़ा असर पड़ेगा. पिछले साल कोरोना संकट के कारण पितृपक्ष मेले का आयोजन नहीं हो पाया था. इस वर्ष इससे जुड़े लोगों को बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन अभी तक यही अनुमान लगाया जा रहा है इस साल गया में पितृपक्ष पर मेला का आयोजन नहीं किया जाएगा. पितृपक्ष में पिंडदान के लिए देश के अलावा विदेश से भी तीर्थयात्री आते हैं.  

पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां : 

20 सितंबर 2021, सोमवार: पूर्णिमा श्राद्ध 
21 सितंबर 2021, मंगलवार: प्रतिपदा श्राद्ध 
22 सितंबर 2021, बुधवार: द्वितीया श्राद्ध 
23 सितंबर 2021, बृहस्पतिवार: तृतीया श्राद्ध 
24 सितंबर 2021, शुक्रवार: चतुर्थी श्राद्ध 
25 सितंबर 2021, शनिवार: पंचमी श्राद्ध 
27 सितंबर 2021, सोमवार: षष्ठी श्राद्ध 
28 सितंबर 2021, मंगलवार: सप्तमी श्राद्ध 
29 सितंबर 2021, बुधवार: अष्टमी श्राद्ध 
30 सितंबर 2021, बृहस्पतिवार:  नवमी श्राद्ध 
1 अक्तूबर 2021, शुक्रवार: दशमी श्राद्ध 
2 अक्तूबर 2021, शनिवार: एकादशी श्राद्ध 
3 अक्तूबर 2021, रविवार: द्वादशी, सन्यासियों का श्राद्ध, मघा श्राद्ध 
4 अक्तूबर 2021, सोमवार: त्रयोदशी श्राद्ध 
5 अक्तूबर 2021, मंगलवार: चतुर्दशी श्राद्ध
6 अक्तूबर 2021, बुधवार: अमावस्या श्राद्ध