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Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में खाते हैं मांस और करते हैं शराब का सेवन? जानें इसका परिणाम

Pitru Paksha 2024: फिलहाल पितृपक्ष चल रहा है और हिंदू धर्म में पितृपक्ष बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दौरान महत्वपूर्ण माना जाता है.. इस समय में कई नियमों का पालन किया जाता है.

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Sushma Pandey
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Pitru Paksha 2024..
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Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. यह समय 16 दिनों का होता है, जिसमें लोग अपने पितरों (पूर्वजों) की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान जैसे कार्य करते हैं. इस दौरान लोग अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए विशेष नियमों का पालन करते हैं, जिनमें सात्विक भोजन करना और तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली और शराब से दूर रहते हैं. क्योंकि श्राद्ध पक्ष के दौरान इन चीजों का सेवन करना वर्जित माना गया है. कहा जाता है कि पितृ पक्ष में इन चीजों का सेवन करने से पितर नाराज हो जाते हैं. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं. 

पितृ पक्ष में मांस और शराब का सेवन क्यों वर्जित है?

ज्योतिषियों के अनुसार, सनातन धर्म में पेड़-पौधे, पशु और पक्षियों का भी सम्मान किया जाता है, क्योंकि इनमें देवी-देवताओं का वास माना जाता है.  पशु-पक्षी देवताओं के वाहन होते हैं और सनातन धर्म में जीव हत्या को महापाप के रूप में देखा जाता है.  जब कोई व्यक्ति पितृ पक्ष में मांस या शराब का सेवन करता है, तो यह जीव हत्या के बराबर माना जाता है, जो धर्म के अनुसार पाप की श्रेणी में आता है.  इसके कारण पितरों को दुख पहुंचता है और वे नाराज हो जाते हैं. 

गरुड़ पुराण में मांस सेवन का परिणाम

गरुड़ पुराण के अनुसार, जो भी व्यक्ति जीव हत्या करता है, उसे मृत्यु के बाद यमलोक में अनेक कष्ट भोगने पड़ते हैं.  उसकी आत्मा को यमराज द्वारा विभिन्न प्रकार की प्रताड़नाएं दी जाती हैं और उसकी आत्मा भटकती रहती है. ऐसे पितर जो मांसाहार के कारण दुखी होते हैं, वे पितृ लोक में भी शांति नहीं प्राप्त कर पाते और उन्हें मोक्ष नहीं मिलता. इसलिए पितृपक्ष के दौरान मांस और शराब का सेवन वर्जित माना गया है. 

पितरों की नाराजगी और श्राप

पितृ पक्ष के समय यदि कोई व्यक्ति मांस, मछली या शराब का सेवन करता है, तो उसके पितर नाराज हो जाते हैं और उसे श्राप मिल सकता है.  पितरों की नाराजगी से व्यक्ति को पितृ दोष का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उसके घर में क्लेश, रोग और आर्थिक संकट जैसे दुष्परिणाम आ सकते हैं.  इसके अलावा, समाज में उसकी प्रतिष्ठा भी कम हो सकती है. 

पितृ पक्ष में करें सात्विक भोजन

पितृ पक्ष के दौरान सात्विक भोजन करने की सलाह दी जाती है. सात्विक आहार में फल, सब्जियां और दूध से बने पदार्थ शामिल होते हैं.  सात्विक आहार से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं, जिससे पितरों को प्रसन्नता होती है. अगर व्यक्ति दान या पिंडदान करने में सक्षम नहीं है, तो वह केवल तर्पण करके और अच्छे आचरण से भी अपने पितरों को खुश कर सकता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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