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Pitru Paksha Calender 2023: आज से शुरु हुआ पितृ पक्ष, देखें श्राद्ध 2023 कैलेंडर, जानें किस दिन कौन सा श्राद्ध पड़ रहा है 

Pitru Paksha 2023 Calendar:

Updated on: 29 Sep 2023, 09:33 AM

नई दिल्ली:

Pitru Paksha 2023 Calendar: पितृ पक्ष, जो कि हिन्दू पंचांग में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष के प्रतिपदा से अमावस्या तक मनाया जाता है. पितर के देहांत की तिथि के अनुसार, श्राद्ध, तर्पण एवं पिंडदान कर्म किया जाता है. पितरों की आत्मा को श्राद्ध और स्राद्ध के माध्यम से याद करने का महत्वपूर्ण पर्व है. यह पर्व अगले समय की सफलता और कुटुम्ब के पितरों के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. पितृ पक्ष के दौरान लोग श्राद्ध करते हैं, पितरों के नाम पर दान देते हैं, और उनकी पसंद के आहार और प्रसाद प्रदान करते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य पितरों के आत्मा को शांति देना और उनकी आत्मा को मोक्ष की दिशा में अग्रसर करना होता है. आइए जानते हैं पितृ पक्ष 2023 में कौन से दिन कौन सा श्राद्ध है. 

पितृ पक्ष 2023 कैलेंडर

29 सितंबर 2023, शुक्रवार: पूर्णिमा श्राद्ध

30 सितंबर 2023, शनिवार: द्वितीया श्राद्ध

01 अक्टूबर 2023, रविवार: तृतीया श्राद्ध

02 अक्टूबर 2023, सोमवार: चतुर्थी श्राद्ध

03 अक्टूबर 2023, मंगलवार: पंचमी श्राद्ध

04 अक्टूबर 2023, बुधवार: षष्ठी श्राद्धPitru Paksha 2023:

05 अक्टूबर 2023, गुरुवार: सप्तमी श्राद्ध

06 अक्टूबर 2023, शुक्रवार: अष्टमी श्राद्ध

07 अक्टूबर 2023, शनिवार: नवमी श्राद्ध

08 अक्टूबर 2023, रविवार: दशमी श्राद्ध

09 अक्टूबर 2023, सोमवार: एकादशी श्राद्ध

11 अक्टूबर 2023, बुधवार: द्वादशी श्राद्ध

12 अक्टूबर 2023, गुरुवार: त्रयोदशी श्राद्ध

13 अक्टूबर 2023, शुक्रवार: चतुर्दशी श्राद्ध

14 अक्टूबर 2023, शनिवार: सर्व पितृ अमावस्या

आपके परिजनों के निधन की तिथि के अधार पर श्राद्ध की तिथि निकलती है. हिंदू पंचाग के अनुसार अगर आप उसी दिन श्राद्ध करते हैं तो इससे आपको निश्चय की पुण्यफल प्राप्त होते हैं. पितरों का आशीर्वाद बना रहता है. लेकिन किसी कारणवश अगर आपको उनकी तिथि याद ना हो या ना पता हो तो आप इन तीन अहम तिथियों के बारे में भी जान लें. 

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पितृपक्ष 2023 महत्वपूर्ण तिथियां - भरणी श्राद्ध, नवमी श्राद्ध और सर्वपितृ अमावस्या है

भरणी श्राद्ध - भरणी नक्षत्र श्राद्ध सामान्य रूप से व्यक्ति की मृत्यु के बाद एक बार किया जाता है, हालांकि 'धर्मसिंधु' के अनुसार यह प्रत्येक वर्ष किया जा सकता है. इस अनुष्ठान को बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है. कहते हैं इसे करने से पितृ दोष भी दूर होता है. इस साल भरणी श्राद्ध कर्म 2 अक्टूबर को चतुर्थी श्रद्धा के साथ किया जाएगा.

नवमी श्राद्ध- नवमी श्राद्ध को मातृ श्रद्ध के नाम से भी जाना जाता है. इस तिथि पर परिवार में मातृ पितर अर्थात मां, दादी, नानी को समर्पित पिंडदान व श्राद्ध कर्म किया जाता है.

सर्व पितृ अमावस्या या अमावस्या श्राद्ध- पंचांग के अनुसार सर्व पितृ अमावस्या इस वर्ष 14 अक्टूबर को है. इस विशेष दिन पर जो लोग अपने पितरों के निधन की तिथि नहीं जानते हैं, वह इस दिन श्राद्ध कर्म, पिंडदान व तर्पण इत्यादि कर सकते हैं। सर्व पितृ अमावस्या के दिन स्नान-दान को भी विशेष महत्व दिया गया है.