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Pitru Paksha 2020 : पितृ पक्ष में भूलकर भी न करें ये काम नहीं तो पितर हो जाएंगे नाराज

इस साल पितृ पक्ष 1 सितंबर 2020 से 17 सिंतबर तक रहेगा. हिंदू धर्मशास्‍त्रों में पितरों को देव समान माना जाता है. इसलिए पितृपक्ष में पितरों के निमित्त दान, तर्पण, श्राद्ध जरूर करना चाहिए. इससे आपका सांसारिक जीवन सुखमय होगा और वंश वृद्धि भी होती रहेगी.

Updated on: 29 Aug 2020, 03:35 PM

नई दिल्ली:

पितृ पक्ष 2020 (Pitru Paksha 2020): इस साल पितृ पक्ष 1 सितंबर 2020 से 17 सिंतबर तक रहेगा. हिंदू धर्मशास्‍त्रों में पितरों को देव समान माना जाता है. इसलिए पितृपक्ष में पितरों के निमित्त दान, तर्पण, श्राद्ध जरूर करना चाहिए. इससे आपका सांसारिक जीवन सुखमय होगा और वंश वृद्धि भी होती रहेगी. वैसे तो हर माह की अमावस्या को श्राद्ध किया जा सकता है लेकिन भाद्रपद मास की पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तक विधिपूर्वक श्राद्ध कर्म किया जाता है. इस पूरे समय को पितृ पक्ष कहते हैं. इन 15 दिनों में लोग पितरों या पूर्वजों को जल तर्पण करते हैं और उनकी मृत्यु की तिथि के अनुसार उनका श्राद्ध करते हैं.

क्या है पितृ श्राद्ध : माता, पिता या अन्य परिजनों की मृत्युपरांत श्रद्धापूर्वक किए जाने वाले कर्म को पितृ श्राद्ध कहते हैं. पितृ पक्ष के 15 दिनों में पितरों को प्रसन्न करना जरूरी होता है क्योंकि उन्हीं के आशीर्वाद से उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है. कई बार अनजाने में हमसे कुछ गलतियां हो जाती हैं, जिससे पितर रूठ जाते हैं. पितरों को मनाने के लिए भी पितृपक्ष में श्राद्ध जरूर करना चाहिए. आइए जानते हैं पितरों के संबंध में भूलकर भी आपको ये गलतियां नहीं करनी चाहिए.

कोई भी नया सामान न खरीदें : पितृ पक्ष में आपको नया सामान नहीं खरीदना चाहिए. यह समय पूर्वजों को याद करने का होता है, इसलिए जरूरी है कि आप पितरों के लिए इन दिनों में शोक मनाएं. नई चीजें उल्‍लास का प्रतीक होती हैं और इससे पितर नाराज हो सकते हैं.

बाल न कटवाएं और न ही मुड़वाएं : पूर्वजों का श्राद्ध या तर्पण करने वाले तिथि से पहले बाल न कटवाएं और न ही मुड़वाएं. माना जाता है कि ऐसा करने से पूर्वज नाराज हो सकते हैं.

भिखारी को भिक्षा देने से मना न करें : पितृ पक्ष में किसी भी भिखारी को भीख देने से मना नहीं करना चाहिए. भिक्षा देने से इनकार करने से पूर्वज इसे अपना अपमान मानते हैं. इन दिनों किया गया दान पूर्वजों को तृप्त करता है.

लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल न करें : पितृ पक्ष में पीतल, फूल या तांबे के बर्तनों में ही पितरों को जल दें. पितरों की पूजा के लिए लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल न करें. ऐसा करने से भी पितर रूठ जाते हैं.

दूसरे के घर में भोजन करने से बचें : पितरों को तर्पण करने वाले लोगों को पितृ पक्ष के 15 दिनों तक किसी और के घर में भोजन नहीं करना चाहिए. अन्‍यथा पितर नाराज हो सकते हैं.

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां और सामान्‍य जानकारी और मान्‍यताओं पर आधारित हैं.)