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Pithori Amavasya 2025
Pithori Amavasya 2025: हिंदू धर्म में पिठोरी अमावस्या का खास महत्व है. वहीं इस साल इस शुभ अवसर पर 64 योगिनियों की पूजा की जाती है. इस दिन पितरों की पूजा करने से इंसान के जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती है. इसके साथ ही उनकी कृपा से जीवन में सुखों का आगमन होता है. वहीं इस दिन दान करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है. यह व्रत संतान की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है. आइए आपको शुभ मुहूर्त बताते हैं.
पिठोरी अमावस्या शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार 22 अगस्त को दिन में 11 बजकर 55 मिनट पर भाद्रपद महीने की अमावस्या तिथि की शुरुआत होगी. वहीं इसका समापन 23 अगस्त को 11 बजकर 35 मिनट पर भाद्रपद महीने की अमावस्या तिथि को होगी.
स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
इस दिन प्रदोष मुहूर्त संध्याकाल 06 बजकर 53 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. इस दौरान 64 योगिनियों की पूजा एवं भक्ति की जाएगी. वहीं भक्त अपनी सुविधा अनुसार टाइम पर देवी मां पार्वती और 64 योगिनियों की पूजा कर सकते हैं. वहीं पूजा के बाद आर्थिक स्थिति के अनुसार दान अवसर करें.
शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो पिठोरी अमावस्या पर वरीयान और शिववास योग का संयोग बन रहा है. भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि पर देवों के देव महादेव कैलाश पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ रहेंगे. इन योग में देवी मां पार्वती संग 64 योगिनियों की पूजा करने से साधक को विशेष कामों में सफलता मिलेगी. साथ ही सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाएंगे.
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पंचांग
सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 53 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 26 मिनट से 04 बजकर 31 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 47 मिनट से 05 बजकर 10 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 53 मिनट से 07 बजकर 15 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - देर रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 16 मिनट तक
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)