Parijat Significance: हिंदू धर्म में क्या है परिजात वृक्ष का महत्व, जानें इसके ज्योतिषीय उपाय और स्वास्थ्य लाभ 

Parijat Significance: परिजात के वृक्ष के पत्ते, फूल और फलों का उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों और पौधों के रूप में किया जाता है. इसके पत्ते और फूल चिकित्सा में उपयोग होते हैं और इसे कई औषधीय गुणों का स्त्रोत माना जाता है.

Parijat Significance: परिजात के वृक्ष के पत्ते, फूल और फलों का उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों और पौधों के रूप में किया जाता है. इसके पत्ते और फूल चिकित्सा में उपयोग होते हैं और इसे कई औषधीय गुणों का स्त्रोत माना जाता है.

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Inna Khosla
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Parijat Significance

Parijat Significance( Photo Credit : News Nation)

Parijat Significance: परिजात का पेड़ हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और इसके बारे में कई धार्मिक ग्रंथों में भी पढ़ने को मिलता है. यह कहा जाता है कि यह पेड़ स्वर्ग में पाया जाता है और भगवान इंद्र के बगीचे में उगता है. परिजात के फूलों का उपयोग कई धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा में किया जाता है. इन फूलों को भगवान शिव और भगवान विष्णु को अर्पित किया जाता है. इन फूलों का उपयोग सुगंधित तेल और इत्र बनाने के लिए भी किया जाता है. परिजात का वृक्ष एक प्रसिद्ध और पवित्र वृक्ष है जो हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इसे हिन्दी में 'हर-सिंगार' और 'नाग-केसर' भी कहा जाता है. परिजात का वृक्ष प्रमुखतः भारत और दक्षिण एशिया में पाया जाता है. हिन्दू पौराणिक कथाओं में, परिजात का वृक्ष देवी सती के अश्व मेघ के फूलों से उत्पन्न हुआ था. इसे महादेव भगवान के आश्रम के पास रखा गया था. महादेव ने इसके पास अपने आश्रम की रक्षा के लिए रखा था, और इसलिए इसे उनकी प्रिय और पवित्र वृक्ष माना जाता है.  परिजात के फूलों की महक को भगवान शिव की प्रियता का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा, इसे महादेव की पत्नी पार्वती देवी का स्वरूप माना जाता है. परिजात के वृक्ष के पत्ते, फूल और फलों का उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों और पौधों के रूप में किया जाता है. इसके पत्ते और फूल चिकित्सा में उपयोग होते हैं और इसे कई औषधीय गुणों का स्त्रोत माना जाता है. परिजात का पेड़ न केवल अपनी सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है. पेड़ की छाल, पत्तियां और फूलों का उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है.

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मध्य प्रदेश में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास एक विशाल परिजात वृक्ष है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में किन्तूर गांव एक प्राचीन परिजात वृक्ष के लिए प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि यह वृक्ष महाभारत काल से ही मौजूद है. दिल्ली में Lodhi Garden में कई परिजात वृक्ष हैं जो पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र हैं. 

परिजात पेड़ के ज्योतिषीय उपाय

धन की प्राप्ति: परिजात पेड़ को घर के पास लगाने से धन की प्राप्ति में वृद्धि होती है, और इसे लोग व्यापारिक सफलता की ओर प्रेरित करने के लिए भी उपयोग करते हैं.

सुख-शांति: परिजात पेड़ को घर के पास लगाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और परिवार के सदस्यों के बीच संबंध में स्नेह और सम्मान बढ़ता है.

स्वास्थ्य का लाभ: परिजात पेड़ की खुशबू से वातावरण में शांति बनी रहती है और लोगों का मानसिक स्वास्थ्य सुधारता है.

विवाह और संबंधों के लिए शुभ: परिजात पेड़ को विवाह और संबंधों की शुभता के लिए भी उपयोग किया जाता है, और यह लोगों के बीच में सम्मान और समर्थन का प्रतीक माना जाता है.

नकारात्मक ऊर्जा का निवारण: परिजात पेड़ को घर के पास लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का निवारण होता है और लोगों को सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण मिलता है.

इन सभी लाभों के कारण परिजात पेड़ को ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण माना जाता है और लोग इसे अपने घर के निकट लगाने की प्राथमिकता देते हैं.

परिजात का पेड़ के स्वास्थ्य लाभ

चिकित्सा गुण: परिजात के पत्ते और फूलों में विभिन्न चिकित्सा गुण होते हैं जो कि विभिन्न रोगों के इलाज में मदद करते हैं. इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी उपयोग किया जाता है.

पौधों की रक्षा: परिजात के पेड़ के पत्ते कई कीटों और रोगों से बचाने में मदद करते हैं. इसके फूलों की महक कई पर्यावरणीय संदेशकों को आकर्षित करती है और पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देती है.

पौधों की खासियतें: परिजात के पेड़ के पत्ते आकर्षक होते हैं और इसके फूल रात को खिलते हैं. इसके फल मीठे होते हैं और इससे अनेक स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ बनाए जा सकते हैं.

धार्मिक महत्व: परिजात का पेड़ हिन्दू धर्म में पवित्र माना जाता है. इसे महादेव भगवान की पत्नी पार्वती का प्रतीक माना जाता है और इसका पूजन विशेष धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है.

वैज्ञानिक अनुसंधान: परिजात के पेड़ के पत्ते और फूलों में विभिन्न औषधीय गुण होते हैं जिन्हें वैज्ञानिक अनुसंधान भी प्रमुखतः अध्ययन कर रहे हैं.

इन सभी फायदों के कारण परिजात का पेड़ महत्वपूर्ण है और इसे समझाने और संरक्षित करने की आवश्यकता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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