logo-image

सावन का तीसरा सोमवार, शिवलिंग की पूजा कर रावण ने लंका को बनाया सोने का

कहते हैं शिव शंकर जिस पर प्रसन्न हो जाएं, उसे अपनी कृपा दृष्टि से मालामाल कर देते हैं। दुनिया का सबसे शुद्ध पदार्थ माना जाने वाला पारद भगवान भोलेनाथ को सबसे ज्यादा प्रिय है।

Updated on: 24 Jul 2017, 07:36 AM

नई दिल्ली:

आज 24 जुलाई को सावन का तीसरा सोमवार है। ऐसे में सुबह से ही मंदिरों में भक्तों का तांता लग गया है। सभी मंदिर हर हर महादेव के जयकारे से गूंज उठे हैं। आज हम आपको भगवान शिवशंकर की ऐसी ही महिमा के बारें में बताने जा रहे, जिसे सुनने के बाद शायद ही आपको आश्चर्य होगा।

कहते हैं शिव शंकर जिस पर प्रसन्न हो जाएं, उसे अपनी कृपा दृष्टि से मालामाल कर देते हैं। दुनिया का सबसे शुद्ध पदार्थ माना जाने वाला पारद भगवान भोलेनाथ को सबसे ज्यादा प्रिय है।

​हिंदु धर्म के अनुसार पारद के शिवलिंग को शिव का स्वयंभू प्रतीक भी माना गया है। रूद्र संहिता में रावण के शिव स्तुति की जब चर्चा होती है, तो पारद के शिवलिंग का विशेष वर्णन मिलता है। रावण ने इसी शिवलिंग का पूजन कर अपनी लंका को सोने की लंका में तब्दील कर दिया था।

शिवमहापुराण में शिवजी का कथन है कि करोड़ शिवलिंगों के पूजन से जो फल प्राप्त होता है, उससे भी करोड़ों गुना अधिक फल पारद शिवलिंग की पूजा और उसके दर्शन मात्र से ही प्राप्त हो जाता है।

और पढ़े: सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से होंगी मनोकामनाएं पूरी

वहीं इसके साथ ही ब्रह्म हत्या, गौहत्या जैसे जघन्य अपराध पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से दूर हो जाते हैं और इसके स्पर्श मात्र से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

जो मनुष्य पारद शिवलिंग की भक्ति पूर्वक पूजा, अभिषेक तथा दर्शन करता है, उसे तीनों लोकों में स्थित समस्त शिवलिंगों के पूजन का फल मिलता है। साथ ही उसे साक्षात शंकर का वास होता है।

और पढ़े: सावन में इन 5 तरीकों से शिव की अराधना करने से बढ़ेगी आमदनी