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नर्मदे हरे नर्मदे के जय घोष से गूंजी ओंकारेश्वर, मंदिर पर हेलीकॉप्टर से हुई पुष्प वर्षा

नर्मदा घाटों पर नर्मदा की पूजा अर्चना के साथ अमृताभिषेक वैदिक ब्राह्मण के गगन विधि मंत्र उपचार के साथ किए गए.

Updated on: 16 Feb 2024, 05:00 PM

नई दिल्ली:

तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में सात दिवसीय नर्मदा जयंती महापर्व के अंतिम दिन आज नर्मदा जयंती उत्सव धूमधाम से मनाया गया. शुक्रवार अल सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था. देर शाम तक श्रद्धालु ओंकाररेश्वर में पूजा अर्चना करते रहे.  इस मौके पर 251 लीटर दूध से अभिषेक और हलवे की प्रसादी का वितरण किया गया. ओंकारेश्वर मंदिर और मां नर्मदा के घाटों पर हेलीकॉप्टर से आधे घंटे तक पुष्प वर्षा की गई. वहीं, घाटों पर नर्मदा की पूजा अर्चना के साथ अमृताभिषेक वैदिक ब्राह्मण के गगन विधि मंत्र उपचार के साथ किए गए. शोभायात्राओं का आयोजन भंडारे संत महात्माओं के आश्रमों तथा जय मां नर्मदा युवा संगठन की ओर से किया गया. नर्मदे हर के जय घोष से धार्मिक नगरी गूंज उठी . 

चुनरी यात्रा निकाली गई

पंडित गोपाल दुबे ने जय माँ नर्मदा युवा संगठन के मंच से  पूजा अर्चना करवाई देर रात भजन संध्या का आयोजन भी संगठन की ओर से किया जाएगा. लाखों संख्या में बड़ी संख्या में श्रद्धालु ओंकारेश्वर पहुंचे हैं. पंडित गोपाल दुबे ने नर्मदा का महत्व बताया. वहीं, इंदौर के अशोक सोनकर नर्मदा के परम भक्त एवं उनकी टीम ने चुनरी यात्रा निकाल कर कोटि तीर्थ घाट पर पूजा अर्चना कर माता को चुनरिया उड़ाई है.

नर्मदा जयंती उत्सव के मौके पर ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट के सहायक कार्यपालक अधिकारी अशोक महाजन ने बताया कि सात दिवसीय नर्मदा जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. इसमें मंदिर पर आकर्षक रोशनी की गई है. नर्मदा जयंती के अवसर पर हलवे की प्रसादी वितरण सहित विभिन्न स्थानों पर भंडारे हो रहे हैं. इस भंडारे में बड़ी संख्या में लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं. 

देर शाम होगी महाआरती 

कोटि तीर्थ घाट पर ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट और नर्मदा युवा संगठन द्वारा शाम सात बजे नर्मदा घाट पर पूजन और गोमुखघाट पर महाआरती की जाएंगी नर्मदा जयंती पर घाट पर बड़ी संख्या में दीप प्रज्जवलित होंगे. बता दें कि नर्मदा जयंती के दौरान खंडवा और आसपास के क्षेत्र में धूमधाम का माहौल रहता है. सात दिन तक चलने वाले इस धार्मिक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं. शाम को नर्मदा घाटों की छटा देखते ही बनती है.