Lord Shiva Bhog: सोमवार भगवान शिव को लगाएं उनका प्रिय भोग, जानें उनका धार्मिक महत्व
Lord Shiva Bhog: सोमवार को हिन्दू धर्म में भगवान शिव का दिन माना जाता है. इस दिन भक्त शिव की पूजा, अर्चना और व्रत आदि करते हैं. शिवलिंग की पूजा करते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं ताकि भगवान शिव अपने भक्तों की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद दें.
नई दिल्ली :
Lord Shiva Bhog: सोमवार को हिन्दू धर्म में भगवान शिव का दिन माना जाता है. इस दिन भक्त शिव की पूजा, अर्चना और व्रत आदि करते हैं. शिवलिंग की पूजा करते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं ताकि भगवान शिव अपने भक्तों की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद दें.सोमवार की पूजा में शिवलिंग को गंगाजल और दूध से स्नान कराया जाता है और उसे भगवान शिव के लिए सुगंधित धूप, फूल, बेलपत्र, बिल्वपत्र आदि से सजाया जाता है. भक्त शिव के नाम का जाप करते हैं और उन्हें प्रसाद के रूप में फल, मिठाई, चावल आदि चढ़ाए जाते हैं. यह पूजा भक्ति और श्रद्धा के साथ की जाती है और शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा से की जाती है.हिन्दू धर्म में भगवान शिव को एक महान और प्रमुख देवता के रूप में पूजा जाता है। उन्हें समर्पित किए गए भोग अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं और वे भक्तों के द्वारा भक्ति और आदर्शता का प्रतीक होते है. भगवान शिव के प्रिय भोगों में बेल पत्र, धतूरा, भांग, दूध, मधु, घी, जल, विभूति, चंदन, और फल शामिल होते हैं.
बेल पत्र: बेल पत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे आदरणीय भोगों में से एक है. इसका विशेष महत्व है क्योंकि इसे प्राकृतिक रूप से पवित्र माना जाता है और इसे उनकी पूजा में बहुतायत से प्रयोग किया जाता है.
धतूरा: धतूरा भी भगवान शिव को उसकी अमृत स्वरूपता की अनुभूति के लिए प्रसन्न करने का माध्यम है. इसकी खुशबू और शांत वातावरण भक्तों को ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है और उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कराती है.
भांग: भांग का सेवन भगवान शिव के ध्यान में गहराई और समर्पण की भावना को प्रकट करता है। यह उनकी पूजा का एक अभिन्न हिस्सा है और इसे उनके प्रसन्नता में बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जाता है।
दूध: दूध को भगवान शिव के प्रिय भोगों में शामिल किया जाता है क्योंकि यह शुद्धता का प्रतीक होता है और उनकी पूजा में उत्तम माना जाता है.
उनका धार्मिक महत्व
भगवान शिव के प्रिय भोगों का धार्मिक महत्व अत्यंत गहरा है. ये भोग भक्तों की श्रद्धा को प्रकट करते हैं और उनकी आध्यात्मिक यात्रा में उन्हें आध्यात्मिक उन्नति की ओर मार्गदर्शन करते हैं. इनके माध्यम से भक्त अपनी आत्मा के साथ गहरा संबंध बनाते हैं और उनकी आध्यात्मिक योगदान में वृद्धि होती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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