New Year 2021: 5 अप्रैल के बाद से दिखने लगेगा नए साल का प्रभाव, मंगल के प्रभाव से आएंगी ये मुश्किलें
आज 2020 का अंतिम दिन है और कल से नया साल शुरू हो रहा है. सबको उम्मीद है कि नया साल नई उम्मीदों को पंख देने के लिए आएगा. 2020 को शायद लोग याद भी करना नहीं चाहेंगे, क्योंकि इस साल ने लोगों को बहुत जख्म दिए हैं.
नई दिल्ली:
आज 2020 का अंतिम दिन है और कल से नया साल शुरू हो रहा है. सबको उम्मीद है कि नया साल नई उम्मीदों को पंख देने के लिए आएगा. 2020 को शायद लोग याद भी करना नहीं चाहेंगे, क्योंकि इस साल ने लोगों को बहुत जख्म दिए हैं. कइयों ने नौकरी खोई तो कुछ ने अपनों को खोया. ज्योतिष के जानकार भी नए साल को लेकर अच्छी उम्मीद जगा रहे हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि नया साल बहुत कुछ ऐसा लेकर आने वाला है, जिससे 2020 ने हमसे छीन लिया था. यूं कह सकते हैं कि 2020 की मनहूसियत के बादल छंटने वाले हैं और 2021 का नया सूरज अरमानों को पर देने आ रहा है.
ज्योतिष के जानकार बता रहे हैं कि नए साल यानी 2021 में पूरे साल राहु वृष में, केतु वृश्चिक में, शनि का संचार मकर राशि में और बृहस्पति मार्च तक मकर में संचार करेंगे. कन्या लग्न और कर्क राशि में नए साल का आगमन हो रहा है, जो बहुत अच्छी बात है. लग्नेश बुध और चंद्रमा दोनों ही 2021 की वर्ष प्रवेश कुंडली में अच्छी एवं मजबूत स्थिति में होंगे. इससे यह संकेत मिलता है कि वैश्विक पटल पर नया साल सकारात्मक परिवर्तन और उन्नति लेकर आएगा. यह भी कहा जा रहा है कि पूरी दुनिया में कोरोना का खतरा कम होता चला जाएगा.
वर्ष प्रवेश कुंडली में चंद्रमा अपनी ही राशि में होंगे, इससे जनमानस का मनोबल बढ़ेगा. लाभेश चंद्रमा का मजबूत होना बताता है कि भारत नए साल में वैश्विक पटल पर आर्थिक मजबूत के साथ खड़ा होगा. आर्थिक सुस्ती खत्म होगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. कन्या लग्न में 2021 का प्रवेश और भाग्य स्थान में उच्च राशि का राहु विराजमान है, लिहाजा यह साल तकनीक और इंटरनेट की दुनिया में भी नई क्रांति लेकर आने वाला है.
नए साल में मार्च तक देवगुरु बृहस्पति अपनी नीच राशि में ही विचरण करेंगे लेकिन पांच अप्रैल को बृहस्पति कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और उसके बाद से नया साल अपना प्रभाव दिखाने लगेगा. राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर बड़े बदलाव होंगे. वैश्विक पटल पर भारत की प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी.
भारतीय पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल 2021 से हिन्दू नववर्ष यानी नवसंवतसर होगा. नए सम्वत का राजा और मंत्री दोनों पद मंगल के पास होंगे. इस कारण 2021 में प्राकृतिक घटनाएं, आंधी-तूफान, अग्नि दुर्घटनाएं अधिक होंगी. मंगल के प्रभाव से सामाजिक, राजनैतिक और अंतरराष्ट्रीय सीमा विवाद बढ़ेंगे. भारतीय सीमाओं पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकता है, लेकिन देश इन चुनौतियों से जूझने में सक्षम और कामयाब रहेगा.
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