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New Parliament: अभिजीत मुहूर्त में आज हुआ नई संसद का श्रीगणेश, जानें इसका महत्त्व

New Parliament: भारत की नई संसद (लोकतंत्र का मंदिर) का श्रीगणेश हो चुका है. अब यहीं से सारी कार्यवाही की जाएंगी. अभिजीत शुभ मुहूर्त के दौरान इस फैसले की घोषणा लेते हुए नई संसद की ओर प्रधानमंत्री समेत सभी सांसद बढ़ें.

Updated on: 19 Sep 2023, 02:35 PM

नई दिल्ली:

Importance of Abhijeet Muhurat: भारत की नई संसद का श्रीगणेश हो चुका है. आज गणेश चतुर्थी का महापर्व भी है. कहते हैं किसी भी शुभ कार्य को करते समय शुभ मुहूर्त का जरुर देखना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से विश्व में भारत का परचंम लहराया है उसे देखने के बाद अब नई संसद में उनके प्रवेश के बाद से उम्मीदें और बढ़ गई हैं. वर्ल्ड के मोस्ट पॉपुलर प्राइम मिनिस्ट में से एक भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं. पुरानी संसद से विदाई लेकर अब वो नई संसद में जाकर बैठ चुके हैं. लेकिन जिस समय उन्होंने इसकी शुरुआत की उस समय अभिजीत मुहूर्त चल रहा था. हिंदू पंचांग में इस मुहूर्त की बहुत एहमियत है. आइए जानते हैं 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अभिजीत मुहूर्त को दिन का सर्वोत्तम या अत्यंत शुभ मुहूर्त माना जाता है. आज मंगलवार, भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष, चतुर्थी तिथि है. 19 सितंबर 2023 को दोपहर 1 बजकर 43 मिनट तक गणेश चतुर्थी रहेगी. इसके अलावा और क्या खास योग आज बनें जिसमें नई संसद का श्रीगणेश हुआ आइए जानते हैं. 

स्वाति नक्षत्र दोपहर 01.48 बजे तक 

विशाखा नक्षत्र, चंद्रमा- तुला राशि में, सूर्य- कन्या राशि में, 

अभिजित मुहूर्त- सुबह 11.50 बजे से दोपहर 12.39 बजे तक, 

राहुकाल- दोपहर 03.18 बजे से शाम 04.50 बजे तक, दिशा शूल- उत्तर.

अभिजीत मुहूर्त का महत्त्व - अभिजीत मुहूर्त वह समय होता है जिसमें कोई भी काम शुरू करने पर सफलता प्राप्त होती है इसका शाब्दिक अर्थ विजेता या विजयी होता है. अभिजीत मुहूर्त हिन्दू पंचांग में एक विशेष समय होता है जो किसी कार्य को करने के लिए शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है. इस मुहूर्त का चयन विवाह, नामकरण, घर का गृहप्रवेश, यात्रा आदि जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए किया जाता है. अभिजीत मुहूर्त का चयन आपके जन्मकुंडली और आपके कार्य की प्रकृति के आधार पर भी किया जाता है, ताकि कोई भी कार्य समृद्धि और शुभता के साथ संपन्न हो सके. यही वजह है कि आज जब लोकतंत्र के मंदिर में प्रवेश की घोषणा की गई तो वह अभिजीत मुहूर्त ही था. 

इस मुहूर्त में उन्होंने कहा कि हमारे संविधान ने यहीं पर आकार लिया ऐसे में इसे पुरानी संसद नहीं बल्कि संविधान सदन कहा जाना चाहिए. सभी सांसदों के साथ उन्होंने पुरानी संसद से नई संसद की ओर पदयात्रा करते हुए अभिजीत मुहूर्त में ही प्रवेश किया. 

शास्त्रों के अनुसार 1 दिन में 30 मुहूर्त होते हैं. जिसमें कुछ शुभ होते हैं और उनमें से अभिजीत मुहूर्त को सबसे शुभ माना जाता है. हिंदू धर्म (religion news in hindi) में  इस समय दूसरे और किसी मुहूर्त को देखने की जरुरत नहीं होती. जिस भी कार्य शुभारंभ इस दौरान किया जाता है उसकी सफलता की संभावना और अधिक बढ़ जाती है. 

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