Ancient Vedic Civilization: नई पुरातात्विक खोजों से भारत के सनातन धर्म में प्राचीन वैदिक सभ्यता का पता चलता है. हाल के वर्षों में, पुरातत्वविदों ने सिंधु घाटी सभ्यता (एसडीवीसी) के कई स्थलों पर खुदाई की है, जो 2500 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व तक फली-फूली थी. इन खुदाई से कई महत्वपूर्ण खोजें हुई हैं, हड़प्पा और मोहनजोदड़ो जैसे शहरों में बड़े पैमाने पर शहरी नियोजन और वास्तुकला एक विकसित लेखन प्रणाली जिसे सिंधु लिपि कहा जाता है. एक उन्नत कला और शिल्प परंपरा, एक व्यापक व्यापारिक नेटवर्क, इन खोजों से पता चलता है कि वैदिक सभ्यता एक जटिल और परिष्कृत संस्कृति थी. यह पहले से सोचा गया था की यह सिंधु घाटी सभ्यता से पहले थी. वैदिक सभ्यता के बारे में हमारी समझ को गहरा करने में मदद करते हैं.
पुरातात्विक खोज में ऐसे उदाहरण दिए गए हैं जो वैदिक सभ्यता के अस्तित्व का समर्थन करते हैं
- हड़प्पा में एक बड़ा स्नानघर
- मोहनजोदड़ो में एक विशाल अनाज भंडार
- लोथल में एक बंदरगाह
- धोलावीरा में एक स्टेडियम
- राखीगढ़ी में एक रथ
इन खोजों से पता चलता है कि वैदिक सभ्यता में उन्नत शहरी नियोजन, कृषि, व्यापार, खेल और परिवहन प्रणाली थी. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वैदिक सभ्यता के बारे में अभी भी बहुत कुछ है जो हम नहीं जानते हैं. पुरातत्वविदों को अभी भी इस सभ्यता के इतिहास, संस्कृति और भाषा की पूरी समझ विकसित करने के लिए बहुत काम करना बाकी है. यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये सभी पुरातात्विक खोजें वैदिक सभ्यता के अस्तित्व का प्रमाण नहीं हैं. कुछ विद्वानों का तर्क है कि ये खोजें सिंधु घाटी सभ्यता के बाद की एक अलग संस्कृति से संबंधित हैं. वैदिक सभ्यता के अस्तित्व का प्रश्न अभी भी बहस का विषय है. हालांकि, इन पुरातात्विक खोजों ने वैदिक सभ्यता के अस्तित्व की संभावना को मजबूत किया है. वे हमें प्राचीन भारत के इतिहास और संस्कृति के बारे में अधिक जानने में मदद करते हैं.
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वैदिक सभ्यता सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. वेद, जो सनातन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक हैं, माना जाता है कि वे वैदिक सभ्यता के दौरान लिखे गए थे. इस प्रकार, नई पुरातात्विक खोजें सनातन धर्म के इतिहास और विश्वासों को समझने में हमारी मदद कर सकती हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau