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Neem Karoli Baba( Photo Credit : News nation)
Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा (1900-1973) एक भारतीय हिंदू गुरु थे, जिन्हें उनके भक्त हनुमान जी का अवतार मानते थे. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गांव में हुआ था. उन्होंने अपना अधिकांश जीवन एक भटकते हुए साधु के रूप में बिताया, भारत भर में यात्रा की और आध्यात्मिक शिक्षा दी. 1960 के दशक में, नीम करोली पश्चिमी आध्यात्मिक साधकों के बीच लोकप्रिय हो गए, जिनमें राम दास, हरी बाबा और स्टीव जॉब्स शामिल थे. उनकी सरल शिक्षाएं और प्रेम और करुणा का संदेश दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है. नीम करोली की कोई औपचारिक शिक्षा नहीं थी, लेकिन वे हिंदू धर्मग्रंथों और दर्शन में अच्छी तरह से वाकिफ थे. उन्होंने सिखाया कि भक्ति, आत्म-ज्ञान और सेवा के माध्यम से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है. उन्होंने अपने भक्तों को सरल जीवन जीने और दूसरों के प्रति दयालु होने के लिए प्रोत्साहित किया.
बाबा नीम करोली की 10 बड़ी शिक्षाएं:
राम नाम जपो: बाबा नीम करोली का सबसे महत्वपूर्ण उपदेश था "राम नाम जपो". उनका मानना था कि भगवान राम का नाम जपने से सभी दुखों का नाश होता है और आत्मा को शांति मिलती है.
सर्व भूत हिते रताः बाबा नीम करोली ने हमेशा दूसरों की भलाई करने पर बल दिया. उनका मानना था कि सभी मनुष्य एक हैं और हमें सभी के प्रति प्रेम और करुणा का भाव रखना चाहिए.
सादा जीवन, उच्च विचार: बाबा नीम करोली ने सादा जीवन जीने और उच्च विचार रखने पर बल दिया. उनका मानना था कि सांसारिक वस्तुओं से मोह त्यागकर आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए.
सत्य बोलो, सच बोलो: बाबा नीम करोली ने हमेशा सत्य बोलने पर बल दिया. उनका मानना था कि सत्य ही जीवन का आधार है और सत्य की राह पर चलने से ही मनुष्य को सच्चा सुख प्राप्त होता है.
कर्म करो, फल की चिंता मत करो: बाबा नीम करोली ने कर्म करने पर बल दिया. उनका मानना था कि मनुष्य को अपना कर्म करते रहना चाहिए और फल की चिंता नहीं करनी चाहिए.
दयालु और क्षमाशील बनो: बाबा नीम करोली ने दयालु और क्षमाशील बनने पर बल दिया. उनका मानना था कि मनुष्य को दूसरों के प्रति दयालु और क्षमाशील होना चाहिए.
क्रोध और अहंकार का त्याग करो: बाबा नीम करोली ने क्रोध और अहंकार का त्याग करने पर बल दिया. उनका मानना था कि क्रोध और अहंकार मनुष्य के पतन का कारण बनते हैं.
ईश्वर में विश्वास रखो: बाबा नीम करोली ने ईश्वर में विश्वास रखने पर बल दिया. उनका मानना था कि ईश्वर ही मनुष्य का सच्चा रक्षक और पालनहार है.
संतों का संग करो: बाबा नीम करोली ने संतों का संग करने पर बल दिया. उनका मानना था कि संतों का संग मनुष्य को आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है.
आत्म-साक्षात्कार का प्रयास करो: बाबा नीम करोली ने आत्म-साक्षात्कार का प्रयास करने पर बल दिया. उनका मानना था कि आत्म-साक्षात्कार ही जीवन का अंतिम लक्ष्य है.
बाबा नीम करोली की शिक्षाएं जीवन जीने का एक सरल और प्रभावी तरीका प्रदान करती हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau