logo-image

Navratri Special: आज सप्तमी पर मां कालरात्रि की ऐसे पूजा करने से पूरी होगी सारी इच्छाएं, मिलेगा धन, यश और सफलता का आशीर्वाद

Navratri Special: नवरात्रि के सातवें दिन को महा सप्‍तमी कहा जाता है. महा सप्‍तमी के दिन ही नवपत्रिका पूजन होता है.

Updated on: 05 Oct 2019, 09:58 AM

highlights

  • आज नवरात्रि का सातवां दिन है. 
  • सातवां दिन मां दुर्गा के सातवें अवतार मां कालरात्रि को समर्पित है.
  • सातवें दिन नवपत्रिका का पूजन भी किया जाता है.

नई दिल्ली:

Navratri Special, Maha Saptami: आज नवरात्रि (Navratri) का सातवां दिन है. नवरात्रि (Navratri) के सातवें दिन महा पूजा (Maha Puja) की शुरुआत होती है जिसे महा सप्‍तमी (Maha Saptami) के नाम से जाना जाता है. नवरात्रि में महा सप्तमी 2019 या सातवां दिन मां दुर्गा के सातवें अवतार मां कालरात्रि को समर्पित है. ये नाम दो शब्दों के साथ बनाया गया है, काल का अर्थ है मृत्यु और रत्रि का अर्थ है अंधकार. इसलिए, कालरात्रि का अर्थ है, काल या समय की मृत्यु. कहा जाता है कि मां कालरात्रि अज्ञान का नाश करती हैं और अंधकार में रोशनी लाती हैं.
आज के दिन नवपत्रिका पूजा भी की जाती है.

नवपत्रिका पूजा का ये है महत्‍व
पांडालों में महासप्तमी के दिन ही मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है और विशेष तरीके से नवपत्रिका पूजन किया जाता है. नवपत्रिका पूजन को बंगाल में कोलाबोऊ पूजा कहा जाता है. इसके साथ ही बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड, असम, त्रिपुरा और मणिपुर में नवपत्रिका पूजा काफी धूमधाम से की जाती है. देश के कुछ स्थानों पर किसान अपनी फसल की अच्छी पैदावार के लिए प्रकृति को देवी मानकर नवपत्रिका पूजा करते हैं.

यह भी पढ़ें: कैसे करें कन्‍या पूजन (Kanya Pujan), कितनी उम्र की कन्‍या का करें पूजन, विधि से लेकर शुभ मुहूर्त तक जानें सब कुछ यहां

महासप्‍ती और नवपत्रिका पूजा कब है?
नवरात्रि के सातवें दिन को महा सप्‍तमी कहा जाता है. महा सप्‍तमी के दिन ही नवपत्रिका पूजन होता है. इस बार महा सप्‍तमी और नवपत्रिका पूजा 05 अक्‍टूबर को है.

नवपत्रिका की तिथि और पूजन का शुभ मुहूर्त
नवपत्रिका की तिथि: 05 अक्‍टूबर 2019
सप्‍तमी तिथि प्रारंभ: 04 अक्‍टूबर 2019 को सुबह 09 बजकर 35 मिनट से
सप्‍तमी तिथि समाप्‍त: 05 अक्‍टूबर 2019 को सुबह 09 बजकर 51 मिनट तक
05 अक्‍टूबर की सुबह नवपत्रिका पूजन के लिए ऊषाकाल का समय: 05 बजकर 52 मिनट

यह भी पढ़ें: Dussehra 2019: साल की तीन शुभ तिथियों में से एक है दशहरा, जानें क्या है इसका महत्व

महासप्तमी दुर्गा पूजा का पहला दिन होता है और इस दिन नवपत्रिका पूजन किया जाता है. नवपत्रिका पूजा में अलग अलग पेड़ से नौ पत्ते लेकर गुच्छा बनाया जाता है और इन नौ पत्तों को देवी का अलग अलग रुप मानकर मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है. नवपत्रिका को सूर्योदय से पहले पवित्र नदी में स्नान कराया जाता है. इस स्नान को ही महास्नान कहते हैं.

नवपत्रिका पूजन के इसी विशेष महत्व के कारण देश के हर हिस्सों में इस पूजा को बहुत विधि विधान से किया जाता है. माना जाता है कि इससे मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.