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इस नवरात्रि हाथी पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, जानें और क्या हैं मां की सवारी

Navratri के समय-तिथि के अनुसार मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती हैं. यानी मां दुर्गा सिंह की बजाय दूसरी सवारी पर सवार होकर भी पृथ्वी पर आती हैं.

Updated on: 28 Sep 2019, 05:15 PM

highlights

  • शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के वाहन को लेकर पंचांगों में कुछ विभेद हैं.
  • मां दुर्गा का वाहन पंचांग के अनुसार नवरात्रि की शुरुआत से तय होता है.
  • ज्योतिष अनुसार इस बार मां दुर्गा का आगमन व गमन शुभ नहीं.

नई दिल्ली:

इस बार शारदीय नवरात्रि 29 सितंबर से शुरू हो रहे हैं और मां दुर्गा के वाहन को लेकर पंचांगों में ही कुछ विभेद सामने आ रहे हैं. मां दुर्गा के आगमन और गमन के आधार पर उनका वाहन तय होता है. सरल शब्दों में कहें तो मां दुर्गा का वाहन सिंह को माना जाता है, लेकिन हर नवरात्रि के समय-तिथि के अनुसार मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती हैं. यानी मां दुर्गा सिंह की बजाय दूसरी सवारी पर सवार होकर भी पृथ्वी पर आती हैं.

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पंचांगों में है अंतर
हालांकि इस बार वाराणसी पंचांग और मिथिला पंचांग के अनुसार मां का आगमन हाथी पर हो रहा है, जिसे शुभ नहीं माना जा रहा है. वहीं मां के गमन की बात करें तो वाराणसी पंचांग के अनुसार घोड़े पर होगा जो कि शुभ नहीं है, लेकिन मिथिला पंचांग के अनुसार माता का गमन नाव पर होगा जिसे शुभ माना गया है. इस लिहाज से देखें तो ज्योतिष अनुसार इस बार मां का आगमन व गमन दोनों ही शुभ नहीं बताए जा रहे हैं.

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दिन के अनुसार तय है वाहन
शास्त्रों के अनुसार मां दुर्गा प्रत्येक नवरात्रि पर्व के आरंभिक दिन अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर अपने भक्तों को इच्छित वरदान देने आती हैं. उनके वाहन के अनुसार ही मेदिनी ज्योतिष के फलित का विश्लेषण किया जाता है. वर्तमान रूद्रविंशति में परीधावी नामक संवत्सर के बीच पड़ने वाले शारदीय नवरात्र 29 सितंबर रविवार को मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर भक्तों के घर पधारने वाली हैं.

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शास्त्र में यह कहा गया है
शास्त्रों में कहा गया है,
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे. गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकी‌र्त्तिता.
गजे च जलदा देवी छत्र भंगस्तुरंगमे. नौकायां सर्वसिद्धि स्यात डोलायां मरण ध्रुवम्.

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यह है श्लोक का अर्थ
इस श्लोक के अनुसार मां दुर्गा का वाहन पंचांग के अनुसार नवरात्रि की शुरुआत से तय होता है. उपरोक्त श्लोक के अनुसार इसका अर्थ यह है

  • रविवार और सोमवार को नवरात्रि का शुभारंभ हो, तो मां दुर्गा का वाहन हाथी है जो अत्यंत जल की वृष्टि कराने वाला संकेत होता है.
  • शनिवार और मंगलवार को नवरात्रि का शुभारंभ हो, तो मां दुर्गा का आगमन घोड़ा (तुरंग) पर होता जो राजा अथवा सरकार का परिवर्तन का संकेत देता है.
  • गुरुवार और शुक्रवार को नवरात्र का प्रथम दिन पड़े, तो मां का आगमन डोली में होता है जो जन-धन की हानि, तांडव, रक्तपात होना बताता है.
  • यदि नवरात्र का आगमन बुधवार हो तो मां दुर्गा नौका पर विराजमान होकर आती हैं और भक्तों को सभी सिद्धि देती हैं.