Gupta Navratri 2021: चैत्र और शारदीय नवरात्र तो सभी जानते हैं, गुप्त नवरात्र के बारे में क्या आप जानते हैं?
Gupt Navratri 2021 Date : आम तौर पर लोग जानते हैं कि नवरात्रि का पर्व साल में दो बार मनाया जाता है, जिसमें मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है.
नई दिल्ली:
Gupt Navratri 2021 Date : आम तौर पर लोग जानते हैं कि नवरात्रि का पर्व साल में दो बार मनाया जाता है, जिसमें मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के बारे में कहा जाता है कि इन दिनों में जो भी व्यक्ति सच्चे मन से और विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करता है, माता उसकी सभी कष्टों को हर लेती हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. चैत्र और शारदीय नवरात्र की तरह गुप्त नवरात्र भी मनाया जाता है. माना जाता है कि गुप्त नवरात्र को तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए खास माना गया है. गुप्त नवरात्रि में विशेष पूजा से आपको कई प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है. यह भी माना जाता है कि तांत्रिक गुप्त नवरात्रि में महाविद्याओं को सिद्ध करने के लिए मां दुर्गा की उपासना करते हैं.
शास्त्रों में कुल चार प्रकार के नवरात्र के बारे में वर्णन किया गया है. पहला चैत्र नवरात्रि, दूसरा आषाढ़ नवरात्रि, तीसरा शरद नवरात्रि और चौथा माघ नवरात्रि. इनमें आषाढ़ और माघ की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं. गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक और अघोरी मां दुर्गा की आधी रात में पूजा करते हैं. पूजा के लिए मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने के बाद लाल रंग का सिंदूर और सुनहरे गोटे वाली चुनरी चढ़ाई जाती है और फिर मां को पानी वाला नारियल, केले, सेब, खील, बताशे और शृंगार का सामान चढ़ाया जाता है. गुप्त नवरात्रि में सरसों के तेल से दीया जलाकर 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप करने मनोवांछित फल मिलता है.
गुप्त नवरात्रि में की गई पूजा और व्रत को गुप्त रखा जाता है. माना जाता है कि इससे इसके प्रभाव में बढ़ोतरी होती है. गुप्त नवरात्रि में मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता बगलामुखी, मातंगी, कमला देवी की पूजा-अर्चना की जाती है.
इस बार गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से प्रारंभ हो रही है. 12 फरवरी को घट यानि कलश स्थापना का समय प्रात: 08 बजकर 34 मिनट से 09 बजकर 59 मिनट तक होगा. इसी दिन दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त है. 21 फरवरी, रविवार को गुप्त नवरात्रि का समापन होगा.
माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि का व्रत करने वालों को कड़े अनुशासन का पालन करना चाहिए. इस दौरान गलत कार्यों से दूर रहकर पूजा-अर्चना करें. गुप्त नवरात्रि में किसी का अहित नहीं सोचना चाहिए और पूरी श्रद्धा से पूजा करनी चाहिए.
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