नवरात्र के छठे दिन गोधूलि वेला में करें मां कात्यायनी की पूजा, विवाह का ​बनेगा योग

मां को पीले फूल और पीली मिठाई अपर्ति करें। उन्हें चांदी या मिट्टी के पात्र के रखकर शहद अर्पित करना भी काफी शुभ होता है।

मां को पीले फूल और पीली मिठाई अपर्ति करें। उन्हें चांदी या मिट्टी के पात्र के रखकर शहद अर्पित करना भी काफी शुभ होता है।

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sunita mishra
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नवरात्र के छठे दिन गोधूलि वेला में करें मां कात्यायनी की पूजा, विवाह का ​बनेगा योग

मां कात्यायनी

आज मां दुर्गा के छठे स्वरूप दिव्य शक्ति मां कात्यायनी की पूजा करके श्रद्धालु मनवांछित फल की कामना कर सकते हैं। कात्यायन ऋषि की पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण उनके इस स्वरूप का नाम कात्यायनी पड़ा। मां दुर्गा के इसी स्वरूप ने महिषासुर का वध किया था।

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मान्यता है कि अविवाहित कन्याएं अगर मां कात्यायनी देवी की पूजा करती हैं, तो उनके विवाह का योग जल्दी बनता है। जिन कन्याओं के विवाह में विलम्ब हो रहा है वो कात्यायनी देवी के मंत्र का जाप करके मनचाहा वर पा सकती हैं।

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ऐसे करें पूजा

गोधूलि वेला के समय यानी जब सूर्यास्त हो रहा हो, तब इनकी पूजा करना सबसे अच्छा माना जाता है। मां को पीले फूल और पीली मिठाई अपर्ति करें। उन्हें चांदी या मिट्टी के पात्र के रखकर शहद अर्पित करना भी काफी शुभ होता है। घी का दीपक जलाएं। मां को लाल और पीले वस्त्र भी अर्पित करें। 

इसके बाद मंत्रों का जप करें।

देवी कात्यायनी की कवच:
कात्यायनी मुखं पातु कां स्वाहास्वरूपिणी।
ललाटे विजया पातु मालिनी नित्य सुन्दरी॥
कल्याणी हृदयं पातु जया भगमालिनी॥

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Source : News Nation Bureau

Maa Katyayani Worship navratri 2017
      
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