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Nautapa 2022: शुरू होने जा रहा है नौतपा, तपती गर्मी के कोप और सूर्य देव के क्रोध से है गहरा नाता

Nautapa 2022: साल 2022 का नौतपा 25 मई से शुरू होने वाला है. माना जाता है कि इसका सीधा संबंध भगवान सूर्य (Bhagwan Surya) और उनकी भीषण गर्मी से है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस दौरान क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए.

Updated on: 15 May 2022, 03:30 PM

नई दिल्ली :

Nautapa 2022: साल 2022 का नौतपा 25 मई से शुरू होने वाला है. माना जाता है कि इसका सीधा संबंध भगवान सूर्य (Bhagwan Surya) और उनकी भीषण गर्मी से है. नौतपा प्रत्येक साल रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) के दौरान शुरू होता है. ज्येष्ठ मास (Jyeshtha Month 2022) में रोहिणी नक्षत्र 25 मई से शुरू हो रहा है जो नौ दिनों तक रहेगा. यानी नौतपा 25 मई से 02 जून तक रहेगा. इस दौरान सूर्य की गर्मी अपने चरम पर होगी. जिसका असर धरती पर भी देखने को मिलेगा. आइए जानते हैं कि नौतपा से सूर्य का क्या संबंध है. साथ ही ये भी जानेंगे कि इस दौरान क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए. 

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नौतपा के दौरान क्या नहीं किए जाते हैं (What not to do during Nautapa)
-नौतपा के दौरान सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं. जिस कारण नौतपा के नौ दिनों में सूरज की गर्मी चरम पर होती है. इस दौरान गर्मी को झेलना मुश्किल होने लगता है. 

-नौतपा के दौरान भूल भरी आंधी और वर्षा की पूरी संभावना रहती है. ऐसे में इस दौरान शादी-विवाह जैसै मांगलिक कार्य ना करने की सलाह दी जाती है. 

-नौतपा की अवधि में सूर्य का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है. साथ ही तेज हवाएं चलने लगती हैं. बवंडर की स्थिति बनी रहती है. ऐसे में दूर की यात्रा करने से पहहेज किया जाता है. 

-सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में 15 दिन तक रहते  हैं. जिस वजह से भीषण गर्मी के साथ-साथ आंधी-तूफान की भी संभावना रहती है. साथ ही सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त होने लगता है. ऐसे में लोगों को सामाजिक कर्य से बचने की सलाह दी जाती है. 

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ज्योतिष में क्या है नौतपा का महत्व (Importance Of Nautapa In Astrology)
ज्योतिष शास्त्र में नौतपा का खास महत्व बताया गया है. दरअसल इसके आधार पर कई भविष्यवाणियां की जाती है. नौतपा के दौरान गुरु और शुक्र एक ही राशि में रहने वाले हैं. ग्रहों की इस युति पर बुध की दृष्टि भी पड़ेगी. जिस कारण अत्यधिक वर्षा का भी योग बनेगा. इसके अलावा बाढ़ और भूस्सलन की स्थिति भी पैदा हो सकती है. इसके अलावा कई जगहों पर कम बारिश होगी तो कई स्थानों पर कम बारिश होगी.