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फाइल फोटो
इस साल नाग पंचमी (Naag Panchami 2018) बुधवार यानी 15 अगस्त को होगी। देश में श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर नाग पूजन का विधान है, इसीलिए यह तिथि नाग पंचमी कहलाती है। इस बार पंचमी बुधवार की सुबह 7 बजकर 24 मिनट से लग रही है, जो 16 अगस्त को सुबह 6 बजकर 8 मिनट कर रहेगी। इस अवधि में हस्त नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग विशिष्ट होगा।
हिंदू धर्म में नागों की पूजा की बात कही गई है। महादेव के साथ नाग की पूजा आदि काल से चली आ रही है। सावन के महीने में जलाभिषेक कर शिवजी को प्रसन्न करने के साथ-साथ नागों का भी विधि-विधान से पूजन करते हैं।
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सापों को क्यों पिलाते हैं दूध?
हिंदू धर्म की कथाओं में कहा गया है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने और उन्हें दूध पिलाने से लक्ष्मी घर आती हैं, क्योंकि दूध पिलाने से नाग देवता खुश होते हैं। इसके साथ ही नाग की पूजा करने से सर्पदंश का भय भी खत्म हो जाता है।
हालांकि, जंतु वैज्ञानिकों का कहना है कि सापों को दूध नहीं पिलाना चाहिए। सापों की बनावट ऐसी नहीं होती है कि वह दूध को पचा सकें।
सापों की पूजा का दूसरा कारण है कि वह चूहों और कीट-पतंगों से खेतों की रक्षा करते हैं। इसी वजह से उन्हें क्षेत्रपाल के नाम से भी जाना जाता है। यही वजह है कि देश में सापों की पूजा करने की परंपरा शुरू हुई।
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कालसर्प के दोष से पाएं मुक्ति
नाग पंचमी पर चंद्रमा कन्या राशि और अपने हस्त नक्षत्र में है। जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष है, उनके लिए इस दिन शिव पूजन करना जरूरी है। नाग पूजन से कालसर्प दोष से होने वाली हानि से भी बचा जा सकता है।
Source : News Nation Bureau