Mythological Story: भगवान विष्णु के पहले मत्स्य अवतार की पौराणिक कथा, जानें इसका धार्मिक महत्व

Mythological Story of Matsya Avatar: भगवान विष्णु के हर अवतार का शास्त्रों में विशेष महत्व है. मत्स्य अवतार को उनका पहला अवतार माना जाता है. शास्त्रों में इस अवतार से जुड़ी ये पौराणिक कथा बेहद प्रसिद्ध है.

Mythological Story of Matsya Avatar: भगवान विष्णु के हर अवतार का शास्त्रों में विशेष महत्व है. मत्स्य अवतार को उनका पहला अवतार माना जाता है. शास्त्रों में इस अवतार से जुड़ी ये पौराणिक कथा बेहद प्रसिद्ध है.

author-image
Inna Khosla
एडिट
New Update
Mythological Story of Matsya Avatar

Lord Vishnu First Matsya Avatar

Mythological Story: भगवान विष्णु का पहला अवतार मत्स्य अवतार के रूप में हुआ था. ये अवतार जल में रहने वाले मछली के रूप में था. धर्म की रक्षा, प्रलय के समय पृथ्वी और वेदों को बचाने, और मानवता को नई दिशा देने के लिए इस अवतार ने अहम भूमिका निभाई. यह कथा पुराणों, विशेष रूप से श्रीमद्भागवत पुराण और विष्णु पुराण में भी बतायी गयी है. 

Advertisment

मत्स्य अवतार की कथा (What is the story behind Matsya's avatar?)

प्राचीन काल में सत्यव्रत नामक एक राजा हुआ करते थे. वह बड़े ही धर्मात्मा और भगवान विष्णु के परम भक्त थे. एक दिन जब राजा सत्यव्रत नदी में स्नान कर रहे थे और जल से अंजलि लेकर सूर्य को अर्पित कर रहे थे, तभी उनकी अंजलि में एक छोटी सी मछली आ गई. मछली ने राजा से विनम्रता पूर्वक कहा, "हे राजन, मैं बहुत छोटी हूं. बड़े जीव मुझे खा सकते हैं. कृपया मेरी रक्षा करें." राजा सत्यव्रत ने मछली को एक जल पात्र में डाल दिया. लेकिन आश्चर्य! मछली इतनी तेजी से बड़ी होने लगी कि जल पात्र में नहीं समा सकी.

जब मछली पात्र से भी बड़ी हो गई, तो राजा ने उसे एक बड़े तालाब में डाल दिया. लेकिन मछली का आकार वहां भी बढ़ता ही गया. राजा ने अंततः उसे समुद्र में डालने का निर्णय लिया. मछली ने समुद्र में डालते ही कहा, "हे राजन, मैं कोई साधारण मछली नहीं हूं. मैं स्वयं भगवान विष्णु हूं और पृथ्वी पर आने वाले प्रलय के बारे में तुम्हें बताने आया हूं." यह सुनकर राजा सत्यव्रत ने भगवान विष्णु को प्रणाम किया और उनके निर्देश का पालन करने का वचन दिया.

प्रलय की भविष्यवाणी

भगवान विष्णु ने राजा को बताया कि कुछ समय बाद प्रलय आएगा और पूरी पृथ्वी जलमग्न हो जाएगी. उन्होंने कहा, "प्रलय के समय एक विशाल नाव आएगी. तुम अपने साथ सभी जीवों के बीज, ऋषियों और वेदों को लेकर उस नाव में सवार हो जाना. मैं एक विशाल मत्स्य के रूप में प्रकट होकर तुम्हारी रक्षा करूंगा." प्रलय के समय पूरे संसार में भारी वर्षा हुई और समुद्र उफान पर आ गया. सारी पृथ्वी जलमग्न हो गई. 

तभी भगवान विष्णु मत्स्य अवतार के रूप में प्रकट हुए. राजा सत्यव्रत ने नाव में ऋषियों, जीवों के बीज और वेदों को लेकर सवार हो गए. भगवान मत्स्य ने नाव को अपनी विशाल सींग से बांध लिया और समुद्र के बीच उसे सुरक्षित रूप से ले गए. प्रलय समाप्त होने के बाद भगवान विष्णु ने सत्यव्रत को सृष्टि के पुनर्निर्माण का आदेश दिया और वेदों को ऋषियों को सौंप दिया.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Religion News in Hindi Mythological Story Lord Vishnu Matsya Avatar lord Vishnu Matsya puran lord Vishnu Matsya avatar
      
Advertisment