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Muslim Population In World: आज इस्लाम धर्म दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है. मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, इस वक्त दुनियाभर में करीब 1.9 अरब मुस्लिम हैं, जो 2030 तक 2.2 अरब तक पहुंच सकते हैं. इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग दुनिया की कुल आबादी का लगभग 24 प्रतिशत हिस्सा हैं. इस्लाम के अनुयायी दो बड़े समुदायों में बंटे हैं - सुन्नी और शिया.
सुन्नी मुसलमानों का परिचय
सुन्नी मुसलमान इस्लाम के सबसे बड़े अनुयायियों का समूह हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के कुल मुसलमानों में करीब 90 प्रतिशत सुन्नी हैं. सुन्नी मुसलमान इस्लाम की पारंपरिक और रूढ़िवादी धारा को मानते हैं. ‘सुन्नी’ शब्द ‘अहल-अल-सुन्ना’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘परंपरा को मानने वाले लोग’. ये लोग पैगंबर मोहम्मद की शिक्षा और उनकी परंपराओं का सख्ती से पालन करते हैं. दुनिया के ज्यादातर मुस्लिम-बहुल देशों में सुन्नी मुसलमानों की ही प्रमुखता है, जैसे सऊदी अरब, मिस्र, तुर्की आदि.
शिया मुसलमानों की पहचान
दूसरी ओर, शिया मुसलमानों की संख्या सुन्नियों की तुलना में बहुत कम है. शिया समुदाय का उदय एक राजनीतिक धड़े के रूप में हुआ था. ‘शिया’ शब्द ‘शियात अली’ से बना है, जिसका मतलब है ‘अली का दल’. शिया मुसलमानों का मानना है कि पैगंबर मोहम्मद के दामाद, हजरत अली और उनकी संतानों को ही इस्लामिक नेतृत्व का हक़दार होना चाहिए. ईरान, इराक, बहरीन जैसे कुछ देशों में शिया मुसलमानों की संख्या अधिक है. आज की तारीख में अयातुल्लाह अली खामेनेई, जो ईरान के सर्वोच्च नेता हैं, शिया समुदाय का सबसे बड़ा चेहरा माने जाते हैं.
प्रमुख मुस्लिम नेता
द रॉयल आल अल-बायत इंस्टिट्यूट फ़ोर इस्लामिक थॉट (RABIIT) द्वारा 2023 में जारी सूची में दुनिया के 500 सबसे प्रभावशाली मुस्लिमों में पहले नंबर पर सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुल-अज़ीज़ अल-साऊद थे, जो सुन्नी समुदाय से हैं. दूसरे नंबर पर अयातुल्लाह अली ख़ामेनेई थे, जो शिया मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
दुनियाभर में मुस्लिम समुदाय की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस्लाम के अनुयायी, चाहे सुन्नी हों या शिया, अपनी-अपनी मान्यताओं और परंपराओं के साथ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अपनी पहचान बनाए हुए हैं. दोनों ही समुदाय अपने-अपने तरीकों से इस्लामिक धर्म के प्रचार और उसकी मान्यताओं के पालन में लगे हुए हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)