Mohini Ekadashi 2020: इस दिन रखा जाएगा मोहिनी एकादशी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
मोहिनी एकादशी व्रत 3 मई को सुबह 9 बजकर 9 मिनट से शुरू होगी और 4 मई 2020 को 6 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी.
नई दिल्ली:
Mohini Ekadashi 2020 : वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi Vrat) का व्रत रखा जाता है. 3 मई को इस बार यह व्रत रखा जाएगा. व्रत रखने वाले लोगों को इस व्रत का काफी दिनों से इंतजार रहता है. ऐसी मान्यता है कि मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) का व्रत रखने से मनुष्य सभी तरह के पापों से मुक्त हो जाता है. मोहिनी एकादशी व्रत 3 मई को सुबह 9 बजकर 9 मिनट से शुरू होगी और 4 मई 2020 को 6 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी. इसके अलावा इसी सप्ताह वैशाख पूर्णिमा (Purnima) भी है. इस दिन भगवान बुद्ध की जयंती भी मनाई जाती है.
यह भी पढ़ें- लॉकडाउन के बीच आज खोल गए 11वें ज्योर्तिंलिंग श्री केदारनाथ भगवान के कपाट
भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप से असुरों को मोहपाश में बांधा था
यह एकादशी व्रत बेहद फलदायी है. हिन्दू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी (Ekadashi) के प्रताप से व्रत करने वाला व्यक्ति मोह-माया से ऊपर उठ जाता है. कहते हैं कि इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) ने वैशाख शुक्ल एकादशी के दिन ही मोहिनी (Mohini) का रूप धारण किया था. भगवान ने अपने इसी मोहिनी रूप से असुरों को मोहपाश में बांध लिया और सारा अमृत पान देवताओं को करा दिया था.
यह भी पढ़ें- बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली पहुंची केदारनाथ, बुधवार को खुलेंगे धाम के कपाट
मोहिनी एकादशी का महत्व
हिन्दू धर्म में मोहिनी एकादशी का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस एकादशी को व्रत रखने से घर में सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है. माता सीता के विरह से पीड़ित भगवान श्री राम और महाभारत काल में युद्धिष्ठिर ने भी अपने दुखों से छुटकारा पाने के लिए इस एकादशी का व्रत पूरे विधि विधान से किया था.
मोहिनी एकादशी व्रत के नियम
- कांसे के बर्तन में भोजन न करें
- मांसाहारी भोजन, मसूर की दाल, चने व कोदों की सब्जी और शहद का सेवन न करें.
- कामवासना का त्याग करें.
- व्रत वाले दिन जुआ नहीं खेलना चाहिए.
- पान खाने और दातुन करने की मनाही है.
मोहिनी एकादशी की पूजन विधि
- एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई करें.
- स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें
- व्रत का संकल्प लें.
- भगवान विष्णु की प्रतिमा, फोटो या कैलेंडर के सामने दीपक जलाएं.
- विष्णु की प्रतिमा को अक्षत, फूल, मौसमी फल, नारियल और मेवे चढ़ाएं.
- पूजा करते वक्त तुलसी के पत्ते अवश्य रखें.
- धूप दिखाकर श्री हरि विष्णु की आरती उतारें.
- अब सूर्यदेव को जल अर्पित करें.
- एकादशी की कथा सुनें या सुनाएं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
-
Riddhima Kapoor: पापा ऋषि कपूर की आखिरी कॉल नहीं उठा पाईं रिद्धिमा कपूर, आज तक है अफसोस
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी