Akshaya Tritiya 2022 Mistakes: अक्षय तृतीया के दिन न करें ये गलतियां, मां लक्ष्मी के क्रोध से छा जाएगी दरिद्रता
साल 2022 में अक्षय तृतीया (akshaya tritiya 2022 date) का त्योहार 3 मई को बेहद ही धूम-धाम से मनाया जाएगा. इस दिन कुछ गलतियों (akshaya tritiya 2022 mistakes) को करने से बचना चाहिए.
नई दिल्ली:
वैशाख (vaishakh month 2022) का महीना शुरु हो चुका है. हिंदू कैलेंडर 2022 में अक्षय तृतीया (Akshaya tritiya 2022) का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, ये त्योहार अप्रैल या मई के महीने में मनाया जाता है. इस बार ये त्योहार 3 मई, मंगलवार (Akshaya Tritiya 2022 date) के दिन बेहद ही धूम-धाम से मनाया जाएगा.
ज्योतिषी गणना के अनुसार, अक्षय तृतीय इस बार मंगल रोहिणी नक्षत्र के शोभन योग में मनाई जाएगी. इस अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त को उपासना, दान और जप करते हुए इसका पूर्ण फल लेना चाहिए. इस दिन किए गए किसी भी तरह के जप, यज्ञ तर्पण या दान का फल कभी भी खत्म नहीं होता. इस दिन कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए. तो, चलिए बताते हैं कि वो गलतियां (Akshaya Tritiya 2022 mistakes) कौन-सी हैं.
बिना नहाए न छुएं तुलसी का पौधा
अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा का विधान है. वहीं भगवान विष्णु की पूजा तभी सफल होती है जब उनको तुलसी की पत्तियां अर्पित की जाती हैं. लेकिन, अक्षय तृतीया के दिन यदि कोई बिना नहाए अपवित्र अवस्था में तुलसी तोड़ता है या छूता है तो उससे देवता रूठ (why celebrated akshaya tritiya 2022) जाते हैं.
घर में न रखें अंधेरा
धार्मिक मान्यता के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन घर के किसी कोने में अंधेरा न रहने दें. घर के जिन हिस्सों में अंधेरा रहता है वहां भी दिया जरूर जलाएं. ऐसा करने से आपके घर में सदा मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी.
खाली हाथ न लोटें
अक्षय तृतीया के दिन अगर आप खरीदारी के लिए बाहर गए हैं तो खाली हाथ घर लौटना शुभ नहीं माना जाता है. अगर संभव हो तो चांदी या सोने का कोई आभूषण लेकर ही घर आएं. यदि महंगा आभूषण खरीदना संभव ना हो तो आप धातु से बनी कोई छोटी-मोटी वस्तु भी घर लेकर आ सकते हैं.
भगवान विष्णु की करें पूजा
अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा की जानी चाहिए. इस दिन दोनों की अलग-अलग पूजा करने के अशुभ परिणाम हो सकते हैं. ऐसा माना जाता है लक्ष्मी संग विष्णु की पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. इनकी पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग किया जाता है. ऐसे में तुलसी के पत्तों के पत्तों को तोड़ने से पहले शारीरिक स्वच्छता का विशेष ख्याल रखना पड़ता है.
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