Hindu Temples Where Men Are Not Allowed: हमारे देश में ऐसे कई मंदिर है जहां विशेष नियमों का पालन किया जाता है. परंपराओं के अनुसार ऐसे मंदिरों में कुछ रीति रिवाज निभाए जाते हैं. आपने सुना होगा कि कुछ मंदिरों में स्त्रियों का प्रवेश वर्जित होता है. लेकिन कुछ ऐसे मंदिर भी है, जहां पुरुषों के जाने पर मनाही है. भले ही आपको सुनने में ये अजीब लगे, लेकिन इसके पीछे भी खास वजह छुपी हुई है. ऐसे में आइए इस लेख के जरिए आज हम आपको बताते हैं उन मंदिरों के बारे में जहां पुरुषों का जाना वर्जित माना जाता है.
1. कामाख्या देवी मंदिर (Maa Kamakhya Devi Mandir)
भारत के पूरबी हिस्से में, असम में स्थित कामाख्या देवी मंदिर काफी प्रसिद्ध है. ये मंदिर एक शक्तिपीठ मंदिर है और इस स्थान पर माता सती का योनि अंग गिरा था. स्त्री की योनि ही वह स्थान है, जहां से इस ब्रह्मांड का जन्म होता है. इसलिए इस मंदिर को काफी पवित्र माना जाता है. क्योंकि यहां योनि की पूजा होती है, इसलिए हर वर्ष यहां माहवारी के दौरान उत्सव मनाया जाता है. इस दौरान यहां पुरुषों को मंदिर में नहीं आने दिया जाता. इस समय पंडित भी एक महिला ही होती है. कहा जाता है कि कामाख्या देवी मंदिर में हर मनोकामना पूरी होती है.
2. माता मंदिर, मुजफ्फरनगर (Mata Mandir, Muzaffarnagar)
बिहार के इस मंदिर में भी एक सीमित समय काल के लिए पुरुषों के आने पर मनाही होती है. इस मंदिर के भी कुछ सख्त नियम है जिन्हें पूरी श्रद्धा के साथ निभाया जाता है. इस खास समय के दौरान पुरुष पंडित भी मंदिर में प्रवेश नहीं पाते.
3. अट्टुकल मंदिर, केरल (Attukal Bhagavathy Temple)
ये मंदिर केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम में स्थित है और यहां पर माता भद्रकाली की उपासना की जाती है. इस मंदिर में भी पुरुषों को प्रवेश करने पर मनाही होती है. अट्टुकल मंदिर में हर वर्ष अट्टूकल पोंगल का उत्सव मनाया जाता है. इस उत्सव को पूरी भव्यता के साथ मनाया जाता है, जिसमें विश्व भर से कई महिलाए शामिल होती है. लेकिन पुरुष इस समय मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं.
4. ब्रह्मदेव मंदिर, पुष्कर (Brahmdev Mandir)
राजस्थान के पुष्कर में स्थित ब्रह्मदेव मंदिर भी ऐसे मंदिरों में आता है. जहां पुरुषों का प्रवेश वर्जित होता है. इस मंदिर की खास कहानी ये है कि मान्यताओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने खुद अपने लिए इस स्थान का चुनाव किया था. माना जाता है कि स्वर्ग से एक कमल का फूल गिरा था जिससे पुष्कर की उत्पत्ति हुई थी. इस मंदिर के गर्भगृह में पुरुषों को नहीं जाने दिया जाता है.