राजस्थान के इस संत की भविष्यवाणी सुनकर चौक गए थे पीएम मोदी, 100% सच हुआ जो कहा 

आज शाम तक 17वीं लोकसभा चुनाव के नतीजे आ जाएंगे. संत और महात्माओं का देश कहे जाने वाले भारत में ऐसे कई महान संत हुए जिन्होंने 100% सटीक भविष्यवाणियां की. राजस्थान में ऐसे ही एक संत हैं जिन्होने 237 साल पहले ये बड़ी भविष्यवाणी की थी.

आज शाम तक 17वीं लोकसभा चुनाव के नतीजे आ जाएंगे. संत और महात्माओं का देश कहे जाने वाले भारत में ऐसे कई महान संत हुए जिन्होंने 100% सटीक भविष्यवाणियां की. राजस्थान में ऐसे ही एक संत हैं जिन्होने 237 साल पहले ये बड़ी भविष्यवाणी की थी.

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Inna Khosla
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mavji maharaj bhavishyvani

Mavji Maharaj Bhavishyvani( Photo Credit : News Nation)

शायद ये बात जानकर आप हैरान रह जाएं कि नरेंद्र मोदी के पीएम बनने की भविष्यवाणी 237 साल पहले हो गई थी. अब आप ये कहेंगे कि तब तो नरेंद्र मोदी पैदा भी नहीं हुए थे. जब हमने इस पर रिसर्च की और ये जानने की कोशिश की कि किसने, कब और कहां ये भविष्यवाणी की तो परत-दर-परत हम इसके और नजदीक पहुंचे. हमने उस व्यक्ति के बारे में पढ़ा जिसने 237 साल पहले ये भविष्यवाणी कर दी थी. ये कौन व्यक्ति थे जिन्होंने इतनी बड़ी भविष्यवाणी सैकड़ों साल पहले कर दी थी आप भी जरूर जानना चाहेंगे. सिर्फ पीएम मोदी ही नहीं बल्कि इन संत महाराज को राजस्थान में रहने वाला हर व्यक्ति पूजता है. 

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नरेंद्र मोदी ये भविष्यवाणी जानकर चौक गए थे

12 अप्रैल 2014 को नरेंद्र मोदी राजस्थान में मावजी महाराज से मिले जहां उन्हें ये जानने का मौका मिला कि वो देश के प्रधानमंत्री बनेंगे और ये 237 साल पहले ही लिखा जा चुका है. बहुत लोग शायद मारुति मावजी महाराज के बारे में नहीं जानते होंगे. लेकिन आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि उन्होंने नरेंद्र मोदी को लेकर क्या भविष्यवाणी की थी. मावजी महाराज वो संत है जिन्होंने आज से करीब 237 साल पहले ऐसी-ऐसी भविष्यवाणियां की थी जो आज भी 100% सच साबित हुई. 

भविष्यवाणी की दुनिया में अब तक आपने नाश्तेरदमस और कीरो के बारे में बहुत सुना या पड़ा होगा. ऐसा माना जाता है कि नास्तरेदमस की भविष्यवाणियां कभी गलत नहीं लेकिन राजस्थान के संत मावजी महाराज की भविष्यवाणियों के बारे में आप सुनेंगे तो हैरान रह जाएंगे मावजी महाराज. करीब 237 साल पहले 1786 में 72,96,000 छंदों से पांच बड़े ग्रंथों की रचना की. इन ग्रंथों को राजस्थानी भाषा में चौपड़ कहते हैं. इन्हें मावजी महाराज ने अपने हाथों से लिखा था. इन भविष्यवाणियों को स्थानीय बागड़ी भाषा में बांस की कलम और लाख की स्याही से लिखा गया, जो आज भी सुरक्षित हैं. उनकी भविष्यवाणियों में 237 साल पहले लिख दिया गया था कि हवा से लोगों की बात होगी. आज मोबाइल के जरिए बातचीत हो रही है. बिजली के तारों से रौशनी के बारे में उन्होंने भविष्यवाणी की थी. ग्लेशियर के पिघलने की भविष्यवाणी की थी, धरती के गर्म होने की भविष्यवाणी कर दी थी. उन्होंने साढ़े 300 साल पहले ही कपड़े पर उपग्रह और हवाई जहाज के चित्र बनाए थेजो आज बन जाए. आज बनाए जा रहे हैं उपग्रह और हवाई जहाज से हूबहू मेल खाता है. 

पश्चिम वायरा बाजिसी सर्वे वाणी फारसी रे. जिसका मतलब ये है की पूर्व पश्चिम की संस्कृति में मेलजोल हो. ये उन्होंने कहा था, आज भारत और पश्चिम के देश यूरोप और अमेरिका के बीच बहुत राजनीतिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध आप उसको उस जमाने से कंपेर कीजिए.

फिर एक भविष्यवाणी की कि बदनी सिर थकी बार उतरे यानी कि बैलों के सिर से बोझ हल्का होगा. आज के दौर में खेतो की जुताई हलो के बजाय ट्रैक्टर से होती और लोग कहते हैं कि यही वो भविष्यवाणी थी कि बैलों के सिर से बोझ कम होगा. यानी ऐसा कोई यंत्र आएगा जीस जो बैलों का बोझ कम करें. 

तीसरी भविष्यवाणी जो उन्होंने लिखी थी कि बहु बेटी काम भरे सासु पिसणा पीसेगा इसके बारे में लोग कहते हैं कि इसका मतलब है कि बहु बेटियां पढ़ लिखकर नौकरी करेंगी. सास आटा घर का काम करे. आजकल बहु बेटियां पढ़ रही हैं और बाहर निकल कर काम कर रही हैं. 

चार जुगना बंधन तोड़ी जुगना भगत तार्या ये देखिए चार जुगना बंधन तोड़ी जुगना भगत तारिया यानी चार युगों से चले आ रहे जाति धर्म के बंधन टूटेंगे. उस जमाने में इन्होंने कह दिया की जाति के और धर्म के बंधन टूटेंगे और भक्ति के माध्यम से हल निकलेगा और आज शहरों में लोग धर्म और जाति से ऊपर उठकर मिलकर काम भी कर रहे हैं. इंटर कास्ट मैरिजस भी हो रही हैं जबकि उस दौर में तो ऐसा सोचा नहीं जा सकता था. इसलिए ये भविष्यवाणियां सुनकर आज लोग हैरान रह जाते हैं कि तब उन्होंने ना जाने क्या देखा और ऐसा लिखा. 

धरती तो तांबा वर्णी होसी, यानी धरती तपकर तांबे की रंग की हो जाएगी. यानि धरती का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है. उस जमाने में तो इतना तापमान नहीं बढ़ रहा था तो धरती तपकर तांबे की रंग की हो जाएगी. ये कैसे उनको पता था? इन्हीं भविष्यवाणियों को लेकर लोग हैरान रह जाते हैं.

इसके अलावा मावजी महाराज ने भारत की राजनीति को लेकर भी भविष्यवाणी की जो नरेंद्र मोदी पर बिल्कुल सटीक बैठती है. पीएम मोदी की मावजी महाराज पर बहुत आस्था है. वो पिछले कई वर्षों से मावजी महाराज के धाम जा रहे है. ये नरेंद्र मोदी की अप्रैल 2014 की तस्वीरें है. वीडियो है जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे और 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान बेणेश्वर धाम गए थे. यहां नरेंद्र मोदी ने मावजी महाराज की 237 साल पुरानी पुराने इस ग्रंथ को देखा था और बहुत ध्यान से देखा था. तब नरेंद्र मोदी को ये जानकर बहुत हैरानी हुई थी कि उनके बारे में भी इस ग्रंथ में एक भविष्यवाणी की हुई 237 साल पहले. 

इस भविष्यवाणी में क्या लिखा गया था? जम्मू खंड झुमलो आगे हैं महाराज, भोरा घडनी भूल की गुजरात नौ डंकों वागे महाराज, माओवादी वाणी भूले हैं महाराज,जातूधरम पास आवेगा धर्मनि बातें सालेगा महाराज बड़े, बेड़ को रसाए महाराज दिल्ली में दिबेल लागे मारा. इन्होंने गुजरात को और दिल्ली को जोड़ दिया है महावीर जी महाराज ने. अद्भुत बात है जी. उस जमाने में गुजरात. से दिल्ली जा करके दिया जलेगा. ये बात माओजी महाराज ने कही है भाइयों.

नरेंद्र मोदी की को लेकर की गई इस भविष्य वाणी के सामने आने के बाद वो मई 2014 में गुजरात के मुख्यमंत्री से देश के प्रधानमंत्री बन गए. मावजी माहराज की बजवाणी पर पीएम मोदी के अलावा राजस्थान की जनता भी बहुत भरोसा करती है. मावजी महाराज ने भविष्यवाणी के अलावा अपने हाथों से कई कृतियां जैसे ज्ञान भंडार अक्ल, रमण सूरानंद और ज्ञानरल माला भी लिखी है.

मावजी महाराज ने पांच ग्रंथ लिखे थे जिनमें 72,00,000 से ज्यादा भविष्यवाणियां हैं. अब पीएम मोदी इन ग्रंथों का डिजिटलाइजेशन करवा रहे हैं. आने वाले दिनों में आप इन भविष्यवाणियों को अपने मोबाइल पर पड़ सके. केंद्र सरकार के राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के तहत वाग भाषा को ट्रांसलेट करके हिंदी भाषा में इंटरनेट पर अपलोड किया जाएगा, हो सकता है आपके लिए भी कुछ मिल जाए. 

मावजी महाराज अपनी कड़ी तपस्या और अध्ययन से ज्ञान की प्राप्ति कर चुके थे और इस स्थान को अब बेणेश्वर धाम कहा जाता हैं. मावजी महाराज ने जाति-पाति का विरोध करते हुए निष्कलंक सम्प्रदाय की स्थापना की. इसमें संप्रदाय में अछूत कही जाने वाली जातीय और आदिवासियों को शामिल किया गया. मावजी महाराज ने उस समय इन दलित पिछड़ों से फैला हुआ अंधविश्वास मिटाया. उन्होंने दक्षिणी राजस्थान में घूम-घूम कर आदिवासियों को जागृत किया. माबजी महाराज ने राजस्थान में लसोड़िया आंदोलन भी चलाया जिसके तहत विधवाओं को फिर विवाह करने की बात कही गई.

Source(News Nation Bureau)

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