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मथुराः श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के बीच धूमधाम से मनाई जाएगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के बीच बुधवार को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया जाएगा. संभवतः यह पहला अवसर होगा जब भक्त जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के दर्शन नहीं कर सकेंगे.

Updated on: 12 Aug 2020, 07:19 AM

मथुरा:

कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Epidemic) के मद्देनजर मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के बीच बुधवार को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव (Sri Krishna Janmotsava) धूमधाम से मनाया जाएगा. संभवतः यह पहला अवसर होगा जब भक्त जन्माष्टमी (Sri Krishna Janmashtami) पर श्रीकृष्ण के दर्शन नहीं कर सकेंगे. श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन व ब्रज के सभी मंदिरों के संचालक, सेवायत एवं प्रबंधकों के बीच हुई वार्ता में कोरोना वायरस महामारी के दिशानिर्देशों के अनुपालन का निर्णय लिया गया.

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इसी के तहत मथुरा-वृन्दावन-गोवर्धन-बरसाना-नन्दगांव-गोकुल-महावन-बलदेव आदि सभी तीर्थस्थलों के मंदिर 10 अगस्त की दोपहर 12 बजे से 13 अगस्त दोपहर बाद तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे. हालांकि मंदिर के अंदर सेवायत सभी परम्पराएं पूर्ववत सम्पन्न कराते रहेंगे. श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को मनाने के लिए श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में बड़ी तैयारियां की गई हैं. परिसर के सभी मंदिरों (भगवान केशवदेव मंदिर, श्रीगर्भगृह, श्रीयोगमाया मंदिर एवं भागवत भवन) को बड़े ही भव्य एवं दिव्य रूप में सजाया गया है.’

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुपालन में श्रद्धालु इस बार दूरदर्शन व अन्य चैनलों द्वारा टीवी पर सीधे प्रसारण के जरिये श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में शामिल हो सकेंगे. उन्होंने जन्माष्टमी पर्व के आयोजनों के संबंध में बताया कि बुधवार को प्रातः दिव्य शहनाई एवं नगाड़ों के वादन के साथ भगवान की मंगला आरती के दर्शन होंगे. इसके बाद भगवान का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा एवं ठाकुरजी के प्रिय स्त्रोतों का पाठ एवं पुष्पार्चन सम्पन्न होगा. प्रातः 10 बजे भागवत-भवन में युगल सरकार के श्रीविग्रह के श्रीचरणों में दिव्य पुष्पांजलि का कार्यक्रम सम्पन्न होगा.

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उन्होंने बताया कि जन्माभिषेक का मुख्य एवं अलौकिक कार्यक्रम रात्रि 11 बजे श्रीगणेश वंदना से शुरु होगा और नवग्रह पूजन कर सम्पन्न होगा. मध्य रात्रि 12 बजे भगवान के प्राकट्य के साथ कन्हैया की प्राकट्य आरती प्रारंभ होगी. इसके बाद केसर आदि सुगन्धित द्रव्यों को धारण किए हुए भगवान श्रीकृष्ण के चल विग्रह मोर्छलासन पर विराजमान होकर अभिषेक स्थल पर पधारेंगे.

उन्होंने कहा कि ठाकुरजी के चल श्रीविग्रह का जन्माभिषेक दूध, दही, घी, बूरा, शहद आदि पंचामृत से होगा. साथ ही अन्य शास्त्रोक्त सामग्री का भी उपयोग दिव्य महाभिषेक में किया जाएगा. इस कार्यक्रम का टीवी पर सजीव प्रसारण किया जाएगा.