/newsnation/media/media_files/2025/05/23/D7pYnxdZVjYxO7FQvpE8.jpg)
मासिक शिवरात्रि Photograph: (Freepik (AI))
Masik Shivratri 2025: फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. भक्त मासिक शिवरात्रि के दिन उपवास रखते हैं और भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा करके उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करने से साधक को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति और विवाहित लोगों के लिए वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियों से मुक्ति मिलती है. आइए बताते हैं कि मई महीने में मासिक शिवरात्रि कब है.
कब है शिवरात्रि
इस साल मई की मासिक शिवरात्रि रविवार, 25 मई 2025 को मनाई जाएगी. इस दिन चतुर्दशी तिथि की शुरुआत दोपहर 3 बजकर 51 मिनट पर होगी, जो अगले दिन यानी 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट तक चलेगी.
शिव पूजन के लिए निशीथ काल का शुभ समय 25 मई की रात 11 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर रात 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. ऐसे में शिव भक्त इसी दिन व्रत रखकर भगवान शिव की आराधना करेंगे.
शुभ मुहूर्त
सूर्योदय: सुबह 5:26 बजे
सूर्यास्त: शाम 7:11 बजे
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:04 से 4:45 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:36 से 3:31 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:58 से दोपहर 12:50 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 7:09 से 7:30 बजे तक
निशीथ पूजा मुहूर्त: रात 11:22 से 12:01 बजे तक
पूजा विधि
इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, बेलपत्र, धतूरा और भस्म अर्पित करें. भगवान शिव के साथ माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी का पूजन भी करें. “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते हुए आरती करें और भगवान से अपने और परिवार के कल्याण की प्रार्थना करें. निशीथ काल में की गई पूजा को विशेष रूप से फलदायी माना गया है.
शिव-पार्वती होंगे प्रसन्न
अगर आपके वैवाहिक जीवन में तनाव है या विवाह में विलंब हो रहा है, तो मासिक शिवरात्रि पर शिव-पार्वती की विशेष पूजा करें. शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, बेलपत्र अर्पित करें और मिठाई का भोग लगाएं. सच्चे मन से की गई यह आराधना जीवन की उलझनों को दूर कर सकती है और घर में सुख-शांति ला सकती है.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन केधर्म-कर्मसेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)