Masik Kalashtami 2022 Shabar Mantra: 21 जून को कालाष्टमी व्रत पर भगवान कालभैरव के ये 'शाबर मंत्र' दिलाएंगे आपको हर जानलेवा रोग से मुक्ति

Masik Kalashtami 2022 Shabar Mantra: ज्योतिष के अनुसार कालाष्टमी व्रत के दौरान भगवान कालभैरव के इन शाबर मंत्रों का जाप करने से जीवन में आ रही परेशानी, रोग, भय, कष्ट से मुक्ति मिलती है और खुशहाली, संपन्नता आती है.

author-image
Gaveshna Sharma
New Update
Masik Kalashtami 2022 Shabar Mantra

भगवान कालभैरव के ये 'शाबर मंत्र' दिलाएंगे आपको जानलेवा रोग से मुक्ति ( Photo Credit : News Nation)

Masik Kalashtami 2022 Shabar Mantra: मासिक कालाष्टमी व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी ति​थि को रखा जाता है. इस बार अषाढ़ महीने की कालाष्टमी 21 जून को पड़ रही है. कालाष्टमी व्रत के दिन भगवान शिव के अवतार बाबा काल भरैव की पूजा की जाती है. वे ही महाकाल स्वरूप में उज्जैन में विराजमान हैं, तो शिव नगरी 'काशी' में काल भैरव कोतवाल हैं. बाबा काल भैरव तंत्र मंत्र के देवता है, इसलिए इनकी पूजा रात्रि प्रहर में होती है. माना जाता है कि इनकी पूजा से भय और रोग सदैव के लिए नष्ट हो जाता है. मान्यताओं के अनुसार, भगवान काल भैरव के शाबर मंत्रों का जाप व्यक्ति को सभी तांत्रिक और सात्विक सिद्धियों का ज्ञाता बना सकता है. 

Advertisment

यह भी पढ़ें: Masik Kalashtami 2022 Upay: इन अचूक उपायों से करें भगवान कालभैरव को प्रसन्न, आर्थिक संकट से लेकर वैवाहिक जीवन की परेशानियों तक सभी से मिलेगा छुटकारा

सिद्ध शाबर मंत्र
ॐ काला भैरू, कपिला केश। काना कुंडल भगवा वेष।
तीर पतर लियो हाथ, चौसठ जोगनिया खेले पास।
आस माई, पास माई। पास माई सीस माई।
सामने गादी बैठे राजा, पीडो बैठे प्राजा मोहे।
राजा को बनाऊ कुकडा। प्रजा बनाऊ गुलाम।
शब्द सांचा, पींड काचा। राजगुरु का बचन जुग जुग साचा।
सतनाम आदेश गुरुजी को आदेश आदेश। 

यह भी पढ़ें: Masik Kalashtami 2022 Gupt Mantra: आषाढ़ माह के कालाष्टमी व्रत पर करें इन गुप्त मंत्रों का जाप, तंत्र सिद्धियों के देवता कालभैरव का मिलेगा विशेष आशीर्वाद

दूसरा शाबर मंत्र
ॐ गुरुजी काला भैरुं कपिला केश, काना मदरा, भगवां भेस।
मार-मार काली-पुत्र। बारह कोस की मार, भूतां हात कलेजी खूंहा गेडिया।
जहां जाऊं भैरुं साथ। बारह कोस की रिद्धि ल्यावो। चौबीस कोस की सिद्धि ल्यावो।
सूती होय, तो जगाय ल्यावो। बैठा होय, तो उठाय ल्यावो।
अनन्त केसर की भारी ल्यावो। गौरा-पार्वती की विछिया ल्यावो।
गेल्यां की रस्तान मोह, कुवे की पणिहारी मोह, बैठा बाणिया मोह,
घर बैठी बणियानी मोह, राजा की रजवाड़ मोह, महिला बैठी रानी मोह।
डाकिनी को, शाकिनी को, भूतनी को, पलीतनी को, ओपरी को, पराई को,
लाग कूं, लपट कूं, धूम कूं, धक्का कूं, पलीया कूं, चौड़ कूं, चौगट कूं, काचा कूं,
कलवा कूं, भूत कूं, पलीत कूं, जिन कूं, राक्षस कूं, बरियों से बरी कर दे।
नजरां जड़ दे ताला, इत्ता भैरव नहीं करे,
तो पिता महादेव की जटा तोड़ तागड़ी करे, माता पार्वती का चीर फाड़ लंगोट करे।
चल डाकिनी, शाकिनी, चौडूं मैला बाकरा, देस्यूं मद की धार, भरी सभा में द्यूं आने में कहाँ लगाई बार?
खप्पर में खाय, मसान में लौटे, ऐसे काला भैरुं की कूण पूजा मेटे।
राजा मेटे राज से जाय, प्रजा मेटे दूध-पूत से जाय, जोगी मेटे ध्यान से जाय।
शब्द सांचा, ब्रह्म वाचा, चलो मन्त्र ईश्वरो वाचा।

उप-चुनाव-2022 masik kalashtami 2022 June kalashtami 2022 masik kalashtami 2022 Ashadha Month masik kalashtami 2022
      
Advertisment