Masan Holi 2025 Date: चिताओं की राख से नागा साधु खेलेंगे मसाने की होली, 5 लाख श्रद्धालु देखेंगे नरमुंड माला तांडव

Masan Holi 2025 Date: नरमुंड की माला पहने भूत-पिशाचों का तांडव करते हुए चिताओं की राख से नागा बाबा मसाने की होली खेलेंगे. ऐसा बताया जा रहा है कि इसे 5 लाख श्रद्धालु देखने आएंगे.

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Inna Khosla
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Masan Holi 2025 Date Naga Sadhus

Masan Holi 2025 Date Naga Sadhus Photograph: (News Nation)

Masan Holi 2025 Date: भारत में होली का त्योहार कुछ स्थानों पर अनोखे और रहस्यमय रूप में मनाया जाता है. बनारस की मसान की होली जिसे 'चिता भस्म होली' भी कहा जाता है, एक अनोखी और बहुत पुरानी परंपरा है. इसे खासतौर पर महादेव की मृत्यु पर विजय प्राप्ति के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो कि श्मशान (मसान) की चिता की भस्म से होली खेलने की परंपरा से जुड़ी हुई है. इस खास होली के आयोजन में नागा साधु, नरमुंड माला और चिताओं की राख का विशेष महत्व है.

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बनारस में मसान होली कब है?

साल 2025 में मसान की होली 11 मार्च को मनाई जाएगी, जो एक महत्वपूर्ण दिन होगा. यह परंपरा भगवान शिव से जुड़ी हुई है, जो मसान में निवास करते हैं. होली के दिन, लोग चिता की राख में रंग खेलते हैं और एक-दूसरे को भस्म लगाकर इस परंपरा को मनाते हैं. यह प्रतीक है मृत्यु और जीवन के चक्र पर महादेव की विजय का, जिसमें लोग जीवन के हर पहलू को अपनाते हुए खुशी और उल्लास के साथ होली मनाते हैं. इस आयोजन का दृश्य इतना अद्भुत और रहस्यमय होता है कि इसे देखने के लिए हर साल 5 लाख से अधिक श्रद्धालु यहां आते हैं.

होली के रंग और श्रद्धा का अद्भुत संगम 

इस आयोजन में नागा साधु अपने गले में नरमुंड की माला पहनकर भाग लेते हैं. नरमुंड माला पहनना हिंदू धर्म की एक अति विशिष्ट और प्राचीन परंपरा है, जो श्मशान भूमि से जुड़ी होती है. यह माला साधु के साहस और तंत्र-मंत्र की शक्ति का प्रतीक मानी जाती है. इस दिन नागा साधु भूत-पिशाचों की तरह तांडव करते हैं. इस तांडव प्रदर्शन के दौरान साधु पारंपरिक नृत्य और तंत्र-मंत्र का उच्चारण करते हुए आस-पास की चिताओं की राख से होली खेलते हैं.

यह नृत्य और प्रदर्शन तंत्र विद्या और पुरानी मान्यताओं से जुड़ा हुआ होता है और इसमें एक शक्ति और विश्वास का गहरा संवाद होता है. यह तांडव अंधकार और प्रकाश, जीवन और मृत्यु के बीच के संतुलन का प्रतीक होता है.

श्रद्धालु इस अद्भुत परंपरा को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं. यहां की भव्यता, रहस्य और समृद्ध धार्मिक परंपराएं हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती हैं. इस दिन, साधु-महात्मा इस आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं और श्मशान भूमि में अंधेरे और रौशनी का एक अद्वितीय नजारा प्रस्तुत करते हैं.

मसाने की होली का आयोजन एक अद्भुत सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर है, जो भारत के शास्त्रों और परंपराओं से जुड़ी हुई है. यह केवल एक होली का पर्व नहीं है, बल्कि यह जीवन और मृत्यु के चक्र, तंत्र विद्या, और आत्मा के उद्धार की एक गहरी भावना को दर्शाता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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