logo-image

Margashirsha Purnima 2020: साल की आखिरी महापूर्णिमा कब है? जानें इसका खास महत्‍व

पूर्णत्व की तिथि पूर्णिमा का दिन अत्यन्त पवित्र माना जाता है. इस दिन की गई प्रार्थना कभी निष्फल नहीं होती है. पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा सम्पूर्ण होता है और सूर्य-चन्द्रमा समसप्तक होते हैं. इस दिन वातावरण और जल में विशेष ऊर्जा आ जाती है.

Updated on: 29 Dec 2020, 06:19 AM

नई दिल्ली:

पूर्णत्व की तिथि पूर्णिमा का दिन अत्यन्त पवित्र माना जाता है. इस दिन की गई प्रार्थना कभी निष्फल नहीं होती है. पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा सम्पूर्ण होता है और सूर्य-चन्द्रमा समसप्तक होते हैं. इस दिन वातावरण और जल में विशेष ऊर्जा आ जाती है. पूर्णिमा पर स्नान, दान और ध्यान विशेष फलदायी होता है. पूर्णिमा तिथि के स्‍वामी चन्द्रमा होते हैं, जिससे हर तरह की मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है. साल की अंतिम पूर्णिमा 30 दिसंबर को है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा को महापूर्णिमा भी कहा जाता है. 

पूर्णिमा तिथि को देवत्‍व का दिन माना जाता है. महीना का सर्वश्रेष्‍ठ दिन पूर्णिमा को माना जाता है. पूर्णिमा के दिन श्री हरि यानी भगवान विष्‍णु या भगवान शिव की पूजा जरूर करें. पूर्णिमा के दिन ही चन्द्रमा को अमृत से सिंचित किया गया था, लिहाजा चन्द्रमा की भी उपासना इस दिन जरूर करें. 

पूर्णिमा के दिन इस बार चंद्रमा मिथुन राशि में होगा. साथ ही संपत्ति और सुरक्षा के कारक मंगल अच्छी स्थिति में रहेंगे. शुक्र मंगल की राशि और मंगल के प्रभाव में होगा. पूर्णिमा को स्नान और दान करने से चन्द्रमा की पीड़ा से मुक्ति मिलेगी. आर्थिक स्थिति भी अच्छी हो सकती है. 

पूर्णिमा को सवेरे स्नान से पहले जल में तुलसी के पत्ते डालें. पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें फिर स्नान करें. स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य दें और साफ वस्त्र धारण कर मंत्र जाप करें. इसके बाद सफेद वस्तुओं और जल का दान करें. रात्रि में चन्द्रमा को अर्घ्य दें. पूर्णिमा के दिन आप उपवास भी रख सकते हैं.