30 दिसंबर का दिन धर्म कर्म की दृष्टि से बहुत खास है. पंचांग के अनुसार आज मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा पड़ रही है. जिस महीने की पूर्णिमा तिथि जिस नक्षत्र से युक्त होती है, उस नक्षत्र के आधार पर ही उस महीने का नामकरण किया जाता है. मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र से युक्त होती है, इसलिए इस माह को मार्गशीर्ष कहा गया है. पचांग के अनुसार यह साल की आखिरी पूर्णिमा है और इसका हिंदू धर्म में खास महत्व बताया जा रहा है.
/newsnation/media/post_attachments/968e1fba34e3f053432c1397bd8ff46b37ebcb52e55cffd0bbc745d2068997a4.jpg)
इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि मार्गशीर्ष के महीने को कृष्ण भगवान का सबसे पसंदीदा महीना माना जाता है. इस पूर्णिमा पर पूजा और व्रत रखने से जीवन में आने वाले कई कष्ट से निजात मिलता है. सतयुग में देवों ने वर्ष का आरंभ मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से ही किया था. पंचांग के अनुसार 29 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 54 मिनट से 30 दिसंबर को रात 8 बजकर 57 बजे तक इसका शुभ मुहूर्त है.
/newsnation/media/post_attachments/db0368b88fcd908f32d155a20242fe53f6a887f55fc69d7be21218d916c97b6b.jpg)
यह भी पढ़ें- चोल काल के मंदिर की सीढ़ियों के नीचे मिला आधे किलाे का सोना!
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. ज्योतिष गणना के हिसाब से जिन लोगों की जन्म कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, उन्हें मार्गशीर्ष पूर्णिमापर चंद्र देव की आराधना करनी चाहिए. कहा जाता है कि जिन लोगों के मन में गलत विचार आते हैं, उन्हें मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा कर जल अर्पित करना चाहिए, इससे ये दोष दूर हो जाता है.
/newsnation/media/post_attachments/c7fa276ef851768a62ec0abcb9f0d300fa884c3be86923281cb57eec5dcce2cd.jpg)
देखें लाइव टीवी- न्यूज़ नेशन लाइव टीवी
इस दिन व्रत रखने का भी विधान है साथ ही पवित्र नदी में स्नान करने को उत्तम माना गया है. लेकिन अगर ऐसा संभव न हो तो इस दिन पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे डाल कर भी स्नान कर सकते हैं. स्नान करने के बाद पूजा स्थान पर बैठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
/newsnation/media/post_attachments/176e574002414ae29b28a22557c4780cd1aa845f1c3e78a6441c93ea02106dfa.jpg)
भगवान श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इस पूर्णिमा पर सत्यनारायण की कथा वाचने या सुनने से लाभ मिलता है. कथा का आयोजन करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा भी खत्म हो जाती है. मार्गशीष पूर्णिमा पर दान का भी विशेष महत्तव है. आज के दिन अन्न और सफेद वस्त्रों का दान किया जाता है. साथ ही जरूरतमंदों को खाना भी खिलाया जा सकता है.
Source : News Nation Bureau