Margashirsha Amavasya 2022: मार्गशीर्ष अमावस्या पर बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या है
highlights
- कब है मार्गशीर्ष अमावस्या?
- मार्गशीर्ष अमावस्या का स्नान-दान मुहूर्त कब है ?
- स्वार्थ सिद्धि योग कब है, महत्त्व क्या है?
नई दिल्ली :
Margashirsha Amavasya 2022 : मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या है. इस दिन स्नान-दान करने का खास महत्त्व है. इस दिन स्नान-दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और आपके सारे दुख कम हो जाते हैं. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन कहते हैं कि पितरों को पिंडदान करने से पितृ खुश होते हैं और उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है.तो आइए हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि मार्गशीर्ष अमावस्या कब है, स्नान-दान करने का मुहूर्त कब है, सर्वार्थ सिद्धि योग कब बन रहा है?
कब है मार्गशीर्ष अमावस्या?
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि दिनांक 23 नवंबर को सुबह 06:53 मिनट से शुरू हो रहा है और इसका समापन दिनांक 24 नंबर को सुबह 04:26 मिनट पर होगा. वहीं 23 नवंबर को सूर्योदय का समय 06:50 मिनट पर है.
मार्गशीर्ष अमावस्या का स्नान-दान मुहूर्त कब है ?
मार्गशीर्ष अमावस्या का दान मुहूर्त दोपहर 03:40 मिनट है. वहीं इसका उत्तम मुहूर्त सुबह 06:40 से लेकर 08:01 बजे तक रहेगा.
स्वार्थ सिद्धि योग कब है, महत्त्व क्या है?
मार्गशीर्ष अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, इस योग को अमृत काल भी कहा जाता है. इस योग में आप जो भी काम करेंगे, आपके सारे काम पूरे होंगे, सर्वार्थ सिद्धि योग रात 09:37 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 06:51 मिनट तक रहेगा. इस दिन पितरों को पिंडदान,श्राद्ध करना चाहिए,इससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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