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mantra of Tulsi plant puja
Chudail Se Kaise Bache: तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि तुलसी का पौधा माता लक्ष्मी का अवतार है और इसकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. मान्यता ये भी है कि तुलसी के पौधे पर नियमित रूप से जल चढ़ाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम होता है. अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके घर में बुरी शक्तियों का प्रभाव है, नकारात्मक ऊर्जा घर में आ रही है या किसी चुड़ैल का साया सता रहा है तो आप सूर्योदय के समय नहाकर तुलसी माता को जल अर्पित करें और जल अर्पित करते समय इस मंत्र का जाप करें.
तुलसी पर जल चढ़ाने का मंत्र
ॐ तुलसी वृंदावन वासिनी, विष्णुप्रिया, नमोस्तुते.
इसका अर्थ है: हे तुलसी, जो वृंदावन में निवास करती हैं और विष्णु की प्रिया हैं, मैं आपको नमस्कार करता हूँ.
श्री तुलसी माता, जय जय. निरंतर आपकी सेवा में लगे रहूँ.
यह एक सरल मंत्र है जिसे आसानी से याद किया जा सकता है.
तुलसी पर जल चढ़ाने की विधि
सबसे पहले आप तुलसी के पौधे को स्नान कराएं और फिर एक तांबे के लोटे में स्वच्छ जल भरें. अब जल में कुछ बूंदे गंगाजल की मिला सकते हैं और मंत्र का जाप करते हुए तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाएं. अंत में तुलसी के पौधे को प्रणाम करते हुए अपने मन की बात उनसे कहें. कुछ ही समय में आपके घर में चारों ओर से सुख शांति का निवास होने लगेगा.
तुलसी पूजा के लाभ
तुलसी का पौधा नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाने में मदद करता है. इसको घर में रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है और कई औषधीय गुण से भरपूर इसके सेवन से रोगों से भी मुक्ति मिलती है. तुलसी की पूजा आध्यात्मिक विकास में मदद भी करती है. ध्यान दें कि तुलसी के पौधे को हमेशा शुद्ध और साफ रखें. इसको कभी भी काटना नहीं चाहिए और तुलसी के पौधे को रोजाना पानी देना चाहिए.
चुड़ैल जैसी अंधविश्वासों पर विश्वास करने के बजाय, हमें विज्ञान और तर्क पर ध्यान देना चाहिए. धर्म और आध्यात्मिकता हमें सकारात्मक ऊर्जा और शांति प्रदान करते हैं. तुलसी की पूजा हमें आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाती है और हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)