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Mahila Naga Sadhu: क्या होती है महिला नागा साधुओं की वेशभूषा, क्या वो भी रहती हैं निवस्त्र? जानें सबकुछ

Mahila Naga Sadhu: महिला नागा साधु का नाम सुनते ही बहुत से लोगों के मन में यह सवाल जरूर होगा कि क्या पुरुषों की तरह ही महिला नागा साधु भी निवस्त्र रहती हैं. जानिए महिला नागा साधुओं के बारे में कुछ बेहद रोचक और रहस्यमय तथ्य के बारे में.

Updated on: 15 Feb 2024, 05:00 PM

नई दिल्ली:

Mahila Naga Sadhu: सनातन धर्म में कई प्रकार के साधुओं का वर्णन मिलता है. इन्हीं साधुओं में से एक हैं नागा साधु भी हैं. अक्सर जब नागा साधुओं (Naga Sadhu) की बात आती है तो दिमाग में सिर्फ पुरुष नागा साधु ही आते हैं. लेकिन आपको बता दें कि महिला नागा साधु भी होती हैं. जी हां, महिला नागा साधुओं के नियम पुरुष नागा साधुओं जितने ही सख्त होते हैं और खास बात यह है कि महिला नागा साधुओं से जुड़ी कई ऐसी रहस्यमयी बातें हर किसी को नहीं पता होती हैं. महिला नागा साधु का नाम सुनते ही बहुत से लोगों के मन में यह सवाल जरूर होगा कि क्या पुरुषों की तरह ही महिला नागा साधु भी निवस्त्र रहती हैं. ऐसे में  आज हम आपको महिला नागा साधुओं के बारे में कुछ बेहद रोचक और रहस्यमय तथ्य के बारे में बताएंगे. आइए जानते हैं. 

महिला नागा साधुओं का जीवन  भगवान शिव को है समर्पित

नागा साधुओं की तरह महिला नागा साधुओं का जीवन भी पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित होता है. महिला नागा साधु को माता की उपाधि मिलती है.  ज्यादातर महिलाएं दशनाम संन्यासिनी अखाड़ा में नागा साधु बनती हैं.  क्योंकि अभी तक किसी अन्य अखाड़े में महिला का नागा बनना सामने नहीं आया है. 

क्या महिला नागा साधु भी रहती हैं निर्वस्त्र? 

महिला नागा साधु कपड़ों के साथ संन्यास ले सकती हैं. लेकिन उन्हें केवल एक ही रंग और एक ही कपड़ा पहनने की इजाजत होती है. जी हां महिला नागा साधुओं को सिर्फ भगवा रंग पहनने की ही अनुमति है. बता दें कि महिला नागा साधु सिले हुए कपड़े नहीं पहनती हैं. 

ब्रह्मचर्य नियम का करना होता है पालन

नागा साधु बनने से पहले महिला को ब्रह्मचर्य नियम का पालन करना होता है. लगभग 6 से 12 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करने के बाद ही महिलाएं नागा साधु बनती हैं. पुरुष नागा साधु की ही तरह महिलाओं को भी कठिन तप से गुजरना पड़ता है.  उन्हें सुबह जल्दी उठकर ठंडे जल स्नान करना पड़ता है. स्नान के बाद पूरे दिन उन्हें भगवान शिव की आराधना करना होता है. उसके बाद शाम के समय भगवान दत्तात्रेय की पूजा का विधान करना होता है. 

नागा साधु बनने से पहले करना होता है पिंडदान

महिला नागा साधु तांत्रिक अनुष्ठान भी करती हैं. महिलाओं को नागा साधु बनने से पहले पिंडदान करके अपना पिछला जीवन त्यागना पड़ता है.  इतना ही नहीं उन्हें अपने बाल मुंडवाने पड़ते हैं.  वे जबरदस्ती बाल नहीं कटवातीं बल्कि अपने हाथों से एक-एक बाल उखाड़ती हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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