Mahashivratri Shiv Chalisa: महाशिवरात्रि पर इस विधि से करें शिव चालीसा का पाठ, प्रसन्न हो जाएंगे महादेव

Mahashivratri Shiv Chalisa: मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिव चालीसा का पाठ करने और सुनने से भगवान भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते हैं. यहां पढ़ें पूरी शिव चालीसा साथ ही जानें शिव चालीसा का पाठ करने का सही तरीका.

Mahashivratri Shiv Chalisa: मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिव चालीसा का पाठ करने और सुनने से भगवान भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते हैं. यहां पढ़ें पूरी शिव चालीसा साथ ही जानें शिव चालीसा का पाठ करने का सही तरीका.

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Sushma Pandey
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Mahashivratri Shiv Chalisa

Mahashivratri Shiv Chalisa( Photo Credit : NEWS NATION)

Mahashivratri Shiv Chalisa: 8 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी. इस खास मौके पर पूरे देश में शिव भक्त मंदिरों में पूजा-अर्चना करेंगे. महाशिवरात्रि पर शिव जी को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र, भांग, मदार पुष्प, गंगाजल, दूध, घी, शहद, भस्म, अक्षत् आदि चढ़ाई जाएगी. इसके साथ ही शिव मंत्रों का जाप भी किया जाएगा. लेकिन आपको बता दें कि इस दिन आपको शिव चालीसा का पाठ भी जरूर करना चाहिए.  कहा जाता है कि शिव चालीसा के बिना महाशिवरात्रि की पूजा पूरी ही नहीं हो सकती है. ऐसे में यदि आप इस दिन  शिव चालीसा का पाठ करेंगे तो इससे आप भोलेनाथ की कृपा प्राप्त कर सकते हैं. यहां पढ़ें पूरी शिव चालीसा साथ ही जानें सही विधि. 

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शिव चालीसा का पाठ करने की सही विधि

शिव चालीसा का पाठ करते समय साधक अपना मुख पूर्व दिशा में रखें. इस बात का ध्यान रखें कि शिव चालीसा का पाठ 3, 5, 11 या फिर 40 बार करें. शिव चालीसा का पाठ करते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. इसके साथ ही इस दौरान अपने मन को शांत रखें. शिव चालीसा का पाठ शुरू करने से पहले शिव जी को सफेद चंदन, चावल, धूप-दीप आदि चढ़ाएं और  मिश्री का भोग लगाएं. 

शिव चालीसा (Shiv Chalisa lyrics in hindi)

।।दोहा।।

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान।।

।।चौपाई।।

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत संतन प्रतिपाला।।

भाल चंद्रमा सोहत नीके। कानन कुंडल नागफनी के।।

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुंडमाल तन छार लगाये।।

वस्त्र खाल बाघंबर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे।।

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी।।

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी।।

नंदि गणेश सोहै तहं कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे।।

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ।।

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा।।

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी।।

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महं मारि गिरायउ।।

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा।।

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई।।

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी।।

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं।।

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई।।

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला।।

कीन्ह दया तहं करी सहाई। नीलकंठ तब नाम कहाई।।

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा।।

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी।।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई।।

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर।।

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी।।

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै।।

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो।।

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो।।

मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई।।

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी।।

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं।।

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी।।

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन।।

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं।।

नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय।।

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शंभु सहाई।।

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी।।

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई।।

पंडित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ।।

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा।।

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे।।

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे।।

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी।।

।।दोहा।।

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश।।

मगसर छठि हेमंत ॠतु, संवत चौसठ जान।

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण।।

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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