Mahashivratri Jalabhishek Muhurat 2025: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि त्योहार मनाया जाता है. इसे भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की रात के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन शिवभक्त उपवास रखते हैं और रात भर जागकर भगवान शिव की पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पाप धुल जाते हैं.
इस दिन जलाभिषेक का विशेष महत्व होता है, ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इसे शुभ मुहूर्त में सही विधि से करने वाले जातक की मनोकामना सिद्ध होने में समय नहीं लगता. शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर उनका आशीर्वाद सदा बना रहता है.
महाशिवरात्रि 2025 पर जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त
- प्रातः काल मुहूर्त: सुबह 6 बजकर 47 मिनट से सुबह 9 बजकर 42 मिनट तक
- मध्यान्ह मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 6 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक
- प्रदोष काल मुहूर्त: दोपहर 3 बजकर 25 मिनट से शाम 6 बजकर 8 मिनट तक
- रात्रि मुहूर्त: रात 8 बजकर 54 मिनट से रात 12 बजकर 1 मिनट तक
विशेष रूप से, ब्रह्म मुहूर्त में जलाभिषेक करना अत्यंत शुभ माना गया है, जो 27 फरवरी को सुबह 5:09 बजे से 5:59 बजे तक रहेगा.
जलाभिषेक की विधि
प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर घर के पूजा स्थल में शिवलिंग स्थापित करें या फिर किसी मंदिर में भी जा सकते हैं. अपने साथ ये अभिषेक सामग्री ले जाएं. शुद्ध जल, दूध, दही, शहद, गंगाजल, और घी से शिवलिंग का अभिषेक करें. बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल, चंदन, अक्षत (चावल), और धूप-दीप चढ़ाएं 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करने के बाद शिव आरती करें और प्रसाद वितरण करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)