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Kashi Lord Shiva procession taken out with 10000 Naga Sadhus Photograph: (News Nation)
Mahashivratri 2025: हाथी-धोड़े पर सवार होकर, हाथों में गदा और त्रिशूल लिए भोले बाबा की बारात लेकर 7 शैव अखाड़ों के लगभग 10,000 नागा साधुओं ने बुधवार को काशी का माहौल ही बदल दिया. महाशिवरात्रि 2025 के पावन अवसर पर काशी नगरी भक्ति और उल्लास के रंगों से सराबोर हो उठी. इस वर्ष, काशी विश्वनाथ मंदिर में एक अद्वितीय दृश्य देखने को मिला, जब लगभग 10,000 नागा साधुओं ने पारंपरिक वेशभूषा में गदा और तलवारें लहराते हुए पेशवाई में भाग लिया. यह पेशवाई बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए निकाली गई थी जिसमें नागा साधुओं का शौर्य और भक्ति दोनों ही देखने को मिले.
बाबा विश्वनाथ का दूल्हे जैसा श्रृंगार
महाशिवरात्रि के विशेष अवसर पर बाबा विश्वनाथ का दूल्हे की तरह दिव्य श्रृंगार किया गया. मंदिर परिसर को फूलों और रोशनी से सजाया गया. काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. सुबह 9 बजे तक, लगभग 2 लाख 37 हजार 335 श्रद्धालु 3 किलोमीटर लंबी कतार में खड़े थे, जो बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. भक्तों का उत्साह और धैर्य देखते ही बनता था.
मेवाड़ की हल्दी का अर्पण
इस साल नागा संन्यासियों ने बाबा विश्वनाथ को मेवाड़ की हल्दी भी अर्पित की है. ये हल्दी विवाह की रस्मों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है. यह अनुष्ठान बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती के विवाह के प्रतीक के रूप में किया गया. काशी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालने के लिए विशेष सुरक्षा और प्रबंधन व्यवस्था की गई थी. पुलिस और प्रशासन ने मिलकर भक्तों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखा ताकि सभी भक्त सुगमता से दर्शन कर सकें.
अगर आप भी काशी में हैं तो ये नजारा आपने जरूर देखा होगा. अगर आप यहां नहीं हैं तो अपने घर के पास ही किसी भी शिव मंदिर में जा सकते हैं, अपने घर में भी भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)