Mahashivratri 2025 Evening Puja Time: आज महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जा रहा है. शिव भक्त सुबह से ही मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ा रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि असल में महाशिवरात्रि की पूजा शाम के बाद शुरू होती है. रात के चार प्रहर की पूजा का इस दिन विशेष महत्व होता है. ऐसे में कई लोग इस बात से कंफ्यूज हो जाते हैं कि रात के समय की जाने वाली महाशिवरात्रि पूजा में शिवलिंग पर जल चढ़ाएं या नहीं. चार प्रहर की पूजा के शुभ मुहूर्त से लेकर पूजा विधि सब एक-एक करके जान लें.
रात में शिविलिंग पर जल चढ़ाएं या नहीं
महाशिवरात्रि की पूजा प्रदोष काल और निशिता काल मुहूर्त में की जाती है. इस पूजा में शिवलिंग का विशेष महत्व होता है. कहते हैं भोलेनाथ का वास इस दिन शिवलिंग में होता है. इस दौरान जल अर्पित करने से मनोकामनाएं जल्द सिद्ध हो जाती है.
चार प्रहर की पूजा का समय
- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा का समय शाम 6 बजकर 19 मिनट से रात्रि 9 बजकर 26 मिनट के बीच का है. इस दौरान भगवान शिव का जल की धारा से अभिषेक किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इससे आरोग्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है.
- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा 9 बजकर 26 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 34 मिनट के बीच (27 फरवरी) होगी. इस पूजा में भगवान शिव का दही से अभिषेक कर धन, सम्मान, शांति और सुख की कामना की जाती है.
- रात्रि तृतीय प्रहर में मध्यरात्रि 12 बजकर 34 मिनट से मध्यरात्रि 3 बजकर 41 मिनट के बीच (27 फरवरी) पूजा की जाएगी, जिसमें भगवान शिव का घी से अभिषेक होगा. ये पूजा सभी मनोकामना सिद्धि और कष्टों से मुक्ति पाने के लिए की जाती है.
- रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा 27 फरवरी को सुबह तड़के 3 बजकर 41 मिनट से सुबह 6 बजकर 48 मिनट के बीच होगी. भगवान शिव का शहद और जल की धारा से अभिषेक करने वाले जातक को भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)