Mahakumbh Mela 2025 Start Date: हर 12 साल में एक बार महाकुंभ का शाही मेला लगता है. ये मेला प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन या नासिक में से किसी एक जगह पर कहां लगेगा ये ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर तय किया जाता है. इस साल महाकुंभ 2025 प्रयागराज में लगने जा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि इस बार देश-विदेश से 40-45 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान करने आएंगे. सरकार की ओर से भी यहां पर खास इंतजाम किए जा रहे हैं.
कब से शुरू हो रहा है महाकुंभ 2025 (When is Maha Kumbh 2025 starting)
वैदिक हिंदू पंचांग के अनुसार 12 साल बाद महाकुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी 2025 को प्रयागराज में होने जा रही है. ये मेला 26 फरवरी 2025 तक लगेगा.
महाकुंभ 2025 में क्या-क्या होगा खास (What will be special in Maha Kumbh 2025)
महाकुंभ 2025 में कला और संस्कृति के शौकीन लोगों के लिए स्वर्ग जैसा अनुभव होगा. कला ग्राम में भारतीय कला और संस्कृति की विरासत को तीन अनूठी थीमों में प्रदर्शित किया जाएगा. संस्कृति ग्राम के छह जोन में आप दुनिया भर की प्राचीन धरोहरों को देख सकते हैं, महाकुंभ की कहानियों को सुन सकते हैं, और ज्योतिष कला के बारे में जान सकते हैं. यमुना नदी के किनारे होने वाला वाटर लेजर शो और ड्रोन शो एक अद्भुत दृश्य होगा. यह मेला आपके यात्रा अनुभव को और अधिक यादगार बना देगा. भारत के अलग-अलग राज्यों से आने वाली झांकियां भी यहां नजर आएंगी. धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव जैसे कथा, भजन, और योग शिविर होंगे.
भव्यता और डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग
इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए वर्चुअल दर्शन की व्यवस्था की जा रही है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से भीड़ नियंत्रण करने के प्रयास होंगे. हाईटेक सुविधाएं जैसे डिजिटल टिकटिंग, ट्रैकिंग, और गूगल मैप इंटीग्रेशन के भी खास इंतजाम किए गए हैं.
साफ-सफाई और पर्यावरण संरक्षण
गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं. इको-फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर और हरित ऊर्जा का उपयोग हो रहा है. प्रयागराज में जगह-जगह पर इस पवित्र नदी की सफाई के लिए लोगों को खास ट्रेनिंग भी दी जा रही है.
आधुनिक सुविधाएं
श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी, लक्ज़री कैम्प, स्वच्छ पेयजल, और फ्री वाईफाई की सुविधा दी जा रही है. मेडिकल सहायता और आपातकालीन सेवाओं के लिए 24/7 हेल्पलाइन होगी.
शाही स्नान की तिथियां
प्रयागराज में आरती से लेकर योग और ध्यान शिविर, महामंडलेश्वर और साधु संतों का जमावड़ा, धार्मिक प्रवचन और कथा मुख्य आकर्षण होंगे. इस मेले में शाही स्नान की तिथियों का विशेष महत्व होता है. महाकुंभ को आत्मा की शुद्धि, पापों के नाश, और मोक्ष प्राप्ति का अवसर माना जाता है. गंगा में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है. इन तिथियों पर शाही स्नान को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया गया है.
14 जनवरी 2025 - मकर संक्रांति
29 जनवरी 2025 - मौनी अमावस्या
3 फरवरी 2025 - बसंत पंचमी
12 फरवरी 2025 - माघी पूर्णिमा
26 फरवरी 2025 - महाशिवरात्रि
इन 5 तिथियों पर शाही स्नान के दिन प्रयागराज और भारत की सभी पवित्र नदियों के घाट पर खास भीड़ देखने को मिलेगी. अगर आप भी इन तिथियों पर स्नान का पुण्य फल लेना चाहते हैं तो आज ही प्लान कर लें और अपने लिए उस घाट पर खास व्यवस्था कर लें.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)