Mahabharat Powerful Warriors: अगर हम प्राचीन काल के सबसे बड़े युद्ध की बात करते हैं तो उसमें सबसे ऊपर नाम आता है महाभारत का. महाभारत क्या है यह हम सभी बखूबी जानते हैं. आपको बता दें कि महाभारत वीरता और युद्ध कौशल का एक अद्भुत ग्रंथ है. साथ ही इसे हम अनेक महान योद्धाओं का निवास स्थान भी कह सकते हैं. यह इसलिए क्योंकि इस युद्ध में अनेक शक्तिशाली योद्धाओं ने भाग लिया था. इस युद्ध में ऐसे-ऐसे महाशक्तिशाली योद्धाओं ने भाग लिया जो कि अपराजय माने जाते हैं. अपराजय का अर्थ है कि जिसे कभी भी किसी भी युद्ध में पराजित नहीं किया जा सका. इसके अलावा महाभारत में सबसे शक्तिशाली हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया. अगर महाभारत में हम शक्तिशाली योद्धा की बात करें तो सबसे ऊपर नाम आता है भगवान कृष्ण का.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान कृष्ण के अलावा महाभारत में और कौन-कौन से शक्तिशाली योद्धा थे? क्योंकि भगवान कृष्ण के अलावा किसी एक सबसे बड़े योद्धा का चयन मुश्किल है. चयन इसलिए भी मुश्किल है क्योंकि किसी एक आधार पर हम शक्तिशाली योद्धा का चयन नहीं कर सकते हैं. भगवान कृष्ण के अलावा महाभारत में कई ऐसे योद्धा हैं जिन्होंने अपनी वीरता और पराक्रम से युद्धभूमि में अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखवाया.
1. धनुर्धरों के बादशाह 'अर्जुन'
अगर महाभारत को हमने पढ़ा है या देखा है तो इसमें कौशल और ताकत एक महत्वपूर्ण आधार है. कौशल और ताकत की बात करें तो इसमें सबसे महान योद्धाओं में से एक अर्जुन थे. धनुर्धरों के बादशाह का लक्ष्य बेजोड़ था और दिव्य अस्त्रों का जखीरा भी इनके पास खूब था. द्रोणाचार्य, कृपाचार्य और भीष्म पितामह जैसे दिग्गजों को भी इनसे हार का सामना करना पड़ा था.
2. सूर्यपुत्र कर्ण
इसके बाद दूसरा नाम आता है सूर्यपुत्र कर्ण का. वैसे सूर्यपुत्र होने का मतलब है ही दमदार और वे दमदार थे भी. आपको बता दें कि कर्ण भी बहादुरी और ताकत में किसी भी योद्धा से कम नहीं थे. वीरता और दानवीरता के लिए तो ये मशहूर थे ही इसके साथ ही कुशल योद्धा और धनुर्धर भी थे. इनके हाथों से भी कई महान महारथियों ने हार का स्वाद चखा था, जैसे घटोत्कच और अभिमन्यु.
3. भीष्म पितामह
महाभारत में भीष्म पितामह की गिनती भी शक्तिशाली और महान योद्धाओं में की जाती है. आपको बता दें कि अमरत्व का वरदान पा चुके भीष्म पितामह रणनीति और युद्ध नीति में निपुण थे. इन्होंने युद्ध के 10 दिनों तक अकेले ही पांडव सेना को रोककर रखा था और ये बात उनकी ताकत के सबूत के लिए काफी है.
4. महान गुरु द्रोणाचार्य
इन सबके अलावा महान गुरु द्रोणाचार्य के नाम को हम नहीं नकार सकते हैं. वे युद्ध नीति और रणनीति में माहिर थे. साथ ही गुरु द्रोणाचार्य ने कई महान योद्धाओं को प्रशिक्षित किया था. युद्ध में इन्होंने कौरव सेना का कुशलतापूर्वक नेतृत्व किया और अनेक युद्ध नीतियां बनाईं.
बहरहाल, यह निश्चित रूप से कहना कठिन है कि कृष्ण को छोड़कर महाभारत का सबसे बड़ा योद्धा कौन था. प्रत्येक योद्धा अपनी वीरता, कौशल और बलिदान के लिए अद्वितीय था. महाभारत हमें सिखाता है कि वीरता केवल शारीरिक शक्ति में ही नहीं, बल्कि नीति, रणनीति, बलिदान और सत्य के मार्ग पर चलने में भी निहित है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau