Maha shivratri 2020: भगवान शिव को क्यों प्रिय है भांग और धतूरा, जानें

शिवरात्रि का महापर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस बार शिवभक्त अपनी भक्ति से भोले को प्रसन्न कर सभी मनोकामना पूर्ण कर सकते है

शिवरात्रि का महापर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस बार शिवभक्त अपनी भक्ति से भोले को प्रसन्न कर सभी मनोकामना पूर्ण कर सकते है

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Aditi Sharma
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Maha shivratri( Photo Credit : फाइल फोटो)

हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक महाशिवरात्रि इस साल 21 फरवरी को मनाई जा रही है. हिंदुओं के लिए ये त्योहार काफी खास होता है जिसे पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. शिवरात्रि का महापर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. तो इस बार शिवभक्त अपनी भक्ति से भोले को प्रसन्न कर सभी मनोकामना पूर्ण कर सकते है. वों के देव महादेव के बारे में कहा जाता है कि वह जिस पर भी प्रसन्न हो जाते हैं, उसकी झोली खुशियों से भर देते हैं. कहते हैं कि महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव-पार्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

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ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिव-पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था और इसी दिन प्रथम शिवलिंग भी प्रकट हुआ था. भगवान शिव को भांग और धतूरा चढ़ाना भी काफी शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि भगवान शिव को भांग और धतूरा काफी प्रिय है. लेकिन इसकी वजह क्या है आइए जानते हैं-

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भगवान शिव को क्यों प्रिय है भांग औऱ धतूरा

देवी भागवत पुराण के मुताबिक सागर मंथन से निकले हालाहल विष को पीने के बाद भगवान शिव व्याकुल हो उठे थे. इस पर अश्विनी कुमारों ने भांग, धतूरा, बेल आदि औषधियों से शिव जी की व्याकुलता दूर की. उस समय से ही शिव जी को भांग धतूरा प्रिय है. मान्यता है कि जो भी भक्त शिव जी को भांग धतूरा अर्पित करता है, शिव जी उस पर प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा शिव जी को दूध, जल, बिल्वपत्र, चंदन, आक, चावल, रोली, मोली, केसर, गाजर और बेर भी अर्पण किया जाता है.

इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 21 फरवरी को एक विशेष योग के साथ मनाया जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस खास संयोग को शश योग कहा जाता है. इस दिन 5 ग्रहों की राशि पुनरावृत्ति होने के साथ शनि और चंद्र मकर राशि, बुध कुंभ राशि, गुरू धनु राशि और शुक्र मीन राशि में होंगे. यह दिन इन राशियों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा.

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बता दें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा विशेष संयोग 59 साल पहले बना था. इससे पहले ग्रहों की स्थिति और ऐसा योग साल 1961 में बना था. इस दिन अलग विधि विधान के साथ दान किया जाता है. यह दिन साधना सिद्धी के लिए विशेष महत्व रखता है.

बता दें महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 20 मिनट से 22 फरवरी शनिवार शाम 7 बजकर 2 मिनट तक रहेगा.

Source : News Nation Bureau

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