माघ पूर्णिमा का दिन शास्त्रों के मुताबिक दान-पुण्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि इस दिन अच्छे कर्म करने से सीधे मोक्ष का द्वारा खुलता है। लेकिन इस बार माघ पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी है।
ग्रहण काल शाम को 5 बजकर 18 मिनट से शुरू हो रहा है। लेकिन, इसका सूतक चंद्रग्रहण शुरू होने के लगभग 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस वजह ग्रहण का सूतक सुबह 8 बजकर 18 मिनट पर लग जाएगा।
सूतक के बाद भगवान की प्रतिमा के दर्शन वर्जित हैं इसलिए सभी मंदिरों के पट (दरवाजे) बंद हो जाएंगे।
वैसे तो चंद्रग्रहण हर साल ही पड़ते हैं, लेकिन इस बार माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण का लगना एक दिव्य संयोग बताया जा रहा है। इसलिए इस दिन स्नान और दान-पुण्य से कई गुना फल प्राप्त होगा।
हालांकि यह दान-पुण्य का समय सूतक लगने से पहले ही था। लेकिन, शास्त्रों के मुताबिक ग्रहण के मौके पर दान करने के लिए सबसे उत्तम समय वह माना गया है जब ग्रहण का मोक्ष काल समाप्त हो जाता है।
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इसके मुताबिक रात 8 बजकर 41 मिनट के बाद स्नान करके दान करना ज्यादा फलदायी होता है।
नियम के मुताबिक ग्रहण से पूर्व और मोक्ष के बाद भी स्नान करना चाहिए।
यहां देखिए चंद्रग्रहण समय
स्पर्श का समय- शाम 5 बजकर 18 मिनट 27 सेकंड
खग्रास आरंभ- शाम 6 बजकर 21 मिनट 47 सेकंड
खग्रास समाप्त- शाम 7 बबजकर 37 मिनट 51 सेकंड
मोक्ष काल- रात 8 बजकर 41 मिनट 11 सेकंड
बुरे प्रभाव से बचने के उपाय-
चंद्र ग्रहण कर्क राशि में लग रहा है। इसलिए कुछ राशि पर इसके बुरे प्रभाव हो सकते हैं, इस दौरान 'ओम सोम सोमाय नमः' मंत्र का जाप कर सकते हैं। इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र, ईष्ट देवता और राशि का मंत्र का भी जाप कर सकते हैं।
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Source : News Nation Bureau