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hridayaleeswarar temple
भारत को तीर्थों का देश माना जाता है. जिनकी कहानियां और मान्यता श्रद्धालुओं को हैरान कर देती हैं. ऐसा ही एक और अनोखा मंदिर सामने आया है. जिसमें दर्शन करने से दिल की बीमारियां ठीक हो जाती है. वहीं इस मंदिर से पहले दो मंदिर और ऐसे सामने आए है. जिनके दर्शन करने से आंखों की बीमारियां, डायबिटीज का इलाज होता है.मान्यता है कि इस मंदिर में मात्र दर्शन करने से लोगों को हाई बीपी, हार्ट ब्लॉकेज जैसी दिल से जुड़ी दिक्कत ठीक हो जाती हैं. आइए आपको इस मंदिर के बारे में बताते हैं.
दिल के भगवान
यह मंदिर तमिलनाडु में स्थिक ह्रदयलीश्वर मंदिर के नाम का मतलब दिल के भगवान होता है. इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा होती है. मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने आए भक्त उन्हें दूध और फल चढ़ाते हैं. इस मंदिर में भगवान शिव पश्चिम दिशा और माता पार्वती दक्षिण दिशा की ओर अलग-अलग गर्भगृहों में विराजमान हैं. मंदिर के प्रांगण में भगवान गणेश, भगवान सुब्रमण्यम अपनी पत्नियों वल्ली और देवसेना के साथ, चंडिकेश्वर, नटराज और नंदी देव विराजमान हैं. यहां हर सोमवार दिल के मरीज भगवान शिव से अपने रोगों से मुक्ति के लिए प्रार्थना करने आते हैं.
अनोखी कहानी
हृदयलीश्वर मंदिर से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार पूसालार नयनार नाम का एक गरीब शिव भक्त हुआ करता था. उसका सबसे बड़ा दुख यही था कि वो अपने भगवान शिव के लिए एक मंदिर नहीं बनवा पा रहा है. पैसे ना होने की वजह से पूसालार नयनार ने अपने दिल में ही भगवान शिव का एक भव्य मंदिर बना लिया. पूसालार का यह मंदिर ऐसा था जैसे किसी राजा ने बनवाया हो. उसने मंदिर की हर चीज जैसे भक्तों के लिए सुविधाएं और सजावट की कल्पना की. भगवान शिव उनकी इस भक्ति से प्रसन्न हुए, और उन्होंने यहां एक मंदिर बनवाया गया. इस मंदिर में विधि-विधान के साथ शिवलिंग की स्थापना की गई. भगवान शिव पूसलार के दिल में बसे हुए थे, इसलिए मंदिर का नाम 'हृदयलीश्वरर' रखा गया.
मंदिर का टाइम
हृदयलीश्वर मंदिर सुबह साढ़े छह बजे से दोपहर साढ़े बारह बजे तक और शाम साढ़े चार बजे से रात साढ़े आठ बजे तक खुला रहता है. यहां पहुंचने के लिए आप चेन्नई से लोकल ट्रेन या बस ले सकते हैं.
सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन तिरुवल्लूर पड़ता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)