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कड़ाके की ठंड में भगवान राम ओढ़ रहे रजाई, ब्‍लोअर से ले रहे गर्मी

पहाड़ों पर बर्फबारी के साथ ही मैदानी इलाकों में ठंड अचानक बढ़ गई है. अयोध्या में रामलला को ठंड से बचाने के लिए गर्म कंबल, रजाई, गद्दा और ब्लोअर के माध्यम से गर्माहट दी जा रही है.

Updated on: 14 Dec 2020, 04:15 PM

नई दिल्ली:

पहाड़ों पर बर्फबारी के साथ ही मैदानी इलाकों में ठंड अचानक बढ़ गई है. अयोध्या में रामलला को ठंड से बचाने के लिए गर्म कंबल, रजाई, गद्दा और ब्लोअर के माध्यम से गर्माहट दी जा रही है. पिछले साल 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद 25 मार्च को रामलला टेंट से निकलकर आधुनिक सुविधाओं से संपन्न अस्थाई मंदिर में विराजमान हो गए हैं और इसलिए उन्‍हें इन सुविधाओं से लैस किया गया है.

श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि वर्षों तक चले विवाद के कारण रामलला टेंट में विराजमान थे, जहां उन्हें सिर्फ एक रजाई, दो प्रकार के वस्त्र ही मिल पा रहे थे. टेंट में होने से किसी प्रकार का यंत्र प्रयोग नहीं हो सकता था. अब चूंकि रामलला अस्‍थायी मंदिर में विराजमान हो चुके हैं लिहाजा रामलला को आधुनिक सुख-सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है. 

श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया, ठंड को लेकर गर्म हवा देने वाले ब्लोअर मशीन, गद्दा, रजाई और वस्त्र के साथ सभी सुविधाएं मौजूद हैं. इस बार रामजी, हनुमानजी समेत सभी को गर्म वस्त्र धारण कराए गये हैं.

6 दिसंबर, 1992 को ढांचा ढहाने के बाद से जहां रामलला 27 वर्ष तक टेंट में रह रहे थे, वहीं उनकी सेवा-पूजा में समुचित संसाधन का अभाव भी महसूस किया जाता रहा. पिछले साल 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जहां भव्य मंदिर निर्माण की तैयारी शुरू हुई, वहीं मंदिर निर्माण होने तक रामलला को समुचित साज-सज्जा से युक्त वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित किये जाने का प्रयास हुआ. इसी वर्ष 25 मार्च को रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित किये जाने का प्रयास फलीभूत हुआ और रामलला की सेवा-पूजा तथा भोग-राग की व्यवस्था भी अपेक्षानुरूप सुनिश्चित हुई.