logo-image

भगवान गणेश की अलग-अलग मूर्तियों का क्या है महत्व? घर में रखने से होता है बहुत लाभ

आज हम आपको वाममुखी और दक्षिणमुखी गणेश की मूर्तियों के महत्व और उनके विशेष लाभों और पूजा विधियों के बारे में बताएंगे.

Updated on: 17 Feb 2024, 06:41 PM

नई दिल्ली:

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है. घर में बप्पा की मूर्ति स्थापित करना बेहद शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि जिस घर में बप्पा की मूर्ति होता है वहां पर  सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मकता आता है. वहीं मूर्ति स्थापित करते समय सूंड की दिशा का चुनाव महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसे में आज हम आपको वाममुखी और दक्षिणमुखी गणेश की मूर्तियों के महत्व और उनके विशेष लाभों और पूजा विधियों के बारे में बताएंगे. 

1. वाममुखी गणेश

वाममुखी गणेश बाईं ओर मुड़ी हुई सूंड, मोदक, माला, कमल, पान, अंकुश, रत्न आदि धारण करते हैं. वास्तु के अनुसार यह मूर्ति घर में सुख-शांति, समृद्धि, सकारात्मकता, ज्ञान, बुद्धि और सफलता लाता है. इसके साथ ही मोक्ष प्राप्ति में सहायक,  व्यापार में वृद्धि, शिक्षा में सफलता, संतान सुख और विवाह में सफलता दिलाती है. इनकी पूजा विधि कुछ इस प्रकार है - सामान्य पूजा विधि, जिसमें षोडशोपचार पूजा, गणपति आरती, स्तुति और मंत्रों का जाप शामिल हैं. 

2. दक्षिणमुखी गणेश

दक्षिणमुखी गणेश दाईं ओर मुड़ी हुई सूंड, अंकुश, पाश, रत्न आदि धारण करते हैं. वास्तु के अनुसार यह मूर्ति घर में शक्ति, साहस, विद्या, बुद्धि, विजय और रक्षा प्रदान करता है. 
इसके अलावा बाधाओं को दूर करता है, शत्रुओं पर विजय दिलाता है, तंत्र-मंत्र में सफलता, रोगों से मुक्ति और नौकरी में सफलता हासिल होती है.  इनकी पूजा विधि कुछ इस प्रकार है -  तंत्र-मंत्र विधि, जिसमें विशेष मंत्रों का जाप, यज्ञ और अनुष्ठान शामिल हैं. 

3. सिद्धिविनायक गणेश

सिद्धिविनायक गणेश, ववाममुखी या दक्षिणमुखी हो सकते हैं. यह ऋद्धि और सिद्धि देवियों के साथ बैठे हुए होते हैं. वास्तु के अनुसार यह मूर्ति घर में सभी प्रकार की सिद्धियां, बुद्धि, ज्ञान, धन-दौलत और सुखी जीवन प्रदान करते हैं. इसके अलावा सभी प्रकार की इच्छाओं को पूरा करता है, जीवन में सफलता, मान-सम्मान और सुखी जीवन मिलता है.  इनकी पूजा विधि कुछ इस प्रकार है - तंत्र-मंत्र विधि, आपकी इच्छा और आवश्यकता के अनुसार. 

इन बातों का रखें ध्यान

घर में बप्पा की मूर्ति स्थापित करते समय सूंड की दिशा का चुनाव आपकी इच्छा, आवश्यकता और विश्वास पर निर्भर करता है. यदि आप सुख-शांति और समृद्धि चाहते हैं तो वाममुखी गणेश की मूर्ति स्थापित करना शुभ होगा.  यदि आप शक्ति, साहस और विजय चाहते हैं, तो दक्षिणमुखी गणेश की मूर्ति स्थापित करना शुभ होगा.  यदि आप सभी प्रकार की सिद्धियां और सुखी जीवन चाहते हैं, तो सिद्धिविनायक गणेश की मूर्ति स्थापित करना शुभ होगा. वहीं मूर्ति का आकार घर के आकार के अनुपात में होना चाहिए. मूर्ति के चेहरे पर मुस्कान होनी चाहिए. मूर्ति को किसी ऊंचे स्थान पर स्थापित करना चाहिए. मूर्ति की नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए. 

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप visit करें newsnationtv.com/religion

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)