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Tel Ke Deepak: किस तेल का दीपक जलाने से कौन सा ग्रह मजबूत होता है

Tel Ke Deepak: तेल का दीपक जलाने का धार्मिक महत्व बहुत विशाल है. यह प्राचीन संस्कृति में एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रथा है जो आज भी अपनी महत्ता बनाए रखी है. तेल का दीपक अक्सर धार्मिक अद्यात्मिक कार्यक्रमों और पूजाओं में उपयोग किया जाता है.

Updated on: 24 Feb 2024, 10:46 AM

नई दिल्ली :

Tel Ke Deepak: तेल का दीपक जलाने का धार्मिक महत्व बहुत विशाल है. यह प्राचीन संस्कृति में एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रथा है जो आज भी अपनी महत्ता बनाए रखी है. तेल का दीपक अक्सर धार्मिक अद्यात्मिक कार्यक्रमों और पूजाओं में उपयोग किया जाता है. धार्मिक दृष्टिकोण से, तेल का दीपक ईश्वर की प्रसन्नता, आशीर्वाद, और प्रकाश का प्रतीक है. यह आत्मज्ञान और अद्वितीयता के प्रतीक के रूप में भी माना जाता है. धार्मिक संदर्भ में, दीपक को जलाना अंधकार को हटाने और ज्ञान की प्रकाशता को प्रकट करने का संकेत है. तेल का दीपक जलाने का धार्मिक अर्थ अलग-अलग सम्प्रदायों और आचार्यों के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकता है, लेकिन सामान्य रूप से इसे प्रार्थना, पूजा, आराधना, और ध्यान के साथ जलाया जाता है. इसके माध्यम से आत्मा को प्रकाश, शांति, और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है जो धार्मिक अनुष्ठान की गहराई को बढ़ाती है. ज्योतिष शास्त्र में विभिन्न ग्रहों और मनोकामनाओं के लिए विभिन्न तेलों के दीपक जलाए जाते हैं. यह ग्रहों को मजबूत करने और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है.

शनि ग्रह: शनि ग्रह को मजबूत करने के लिए काले तिल का तेल का दीपक जलाया जाता है. यह शनि की क्रूरता को शांत करने और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है. शनिदेव को शनि प्रतिनिधि के रूप में पूजा जाता है, और उनकी कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए काले तिल का तेल का दीपक जलाना चाहिए. यह तिल का तेल उनकी क्रूरता को शांत करने और उनके प्रति आदर और समर्पण का प्रतीक होता है. शनिदेव के प्रसाद में तिल का तेल का दीपक जलाने से व्यक्ति को शनिदेव के क्रूर दोषों से मुक्ति मिलती है और उनकी कृपा से समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है.

सूर्य ग्रह: सूर्य को मजबूत करने के लिए सरसों का तेल का दीपक जलाया जाता है. यह सूर्य की ऊर्जा को बढ़ाने और उसकी कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है. सूर्य ग्रह के प्रति भक्तिमय व्यक्ति सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं. सरसों के तेल को सूर्य की प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है और इसे सूर्य ग्रह के प्रति श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. सरसों के तेल का उपयोग सूर्य की ऊर्जा को अधिक बलवान और प्रभावशाली बनाने के लिए किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र में, सूर्य को समर्पित तेल के दीपक को जलाकर विशेष पूजा और अर्चना की जाती है. इसे भक्तिमय व्यक्ति अपने जीवन में सूर्य की कृपा और प्रेरणा को प्राप्त करने के लिए करते हैं. सरसों के तेल के दीपक को जलाने से सूर्य ग्रह के प्रभाव को शांत करने और उसकी कृपा प्राप्ति के लिए भी किया जाता है. इस प्रकार, सरसों के तेल का दीपक सूर्य ग्रह के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतीक है और इसके जलने से व्यक्ति को सूर्य की कृपा प्राप्त होती है.

चंद्र ग्रह: चंद्रमा को मजबूत करने के लिए घी का दीपक जलाया जाता है. यह चंद्रमा के प्रभाव को बढ़ाने और चंद्र ग्रह की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है. चंद्र ग्रह को मजबूत करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में देसी घी का दीपक जलाया जाता है. चंद्र ग्रह को देसी घी का दीपक जलाने से चंद्रमा की कृपा और प्रभाव बढ़ते हैं. यह परंपरागत रूप से चंद्रमा की पूजा और उपासना में किया जाता है. चंद्र ग्रह को मजबूत करने के लिए देसी घी का दीपक जलाने से व्यक्ति को चंद्रमा के प्रभाव से संबंधित समस्याओं में राहत मिलती है. चंद्र ग्रह की शुभता और कृपा प्राप्ति के लिए इस प्रथा को अपनाया जाता है. देसी घी का दीपक जलाकर चंद्र ग्रह के प्रति श्रद्धालुता और समर्पण का प्रतीक होता है और उसकी कृपा प्राप्ति में मदद करता है.

मंगल ग्रह: मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए लाल कपूर या लौंग का तेल का दीपक जलाया जाता है. यह मंगल ग्रह के प्रभाव को शांत करने और उसकी कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है. मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में लाल कपूर या लौंग का तेल का दीपक जलाने का उपाय सुझाया जाता है. इस प्रथा को पारंपरिक रूप से मंगल ग्रह की शुभता और प्रभाव बढ़ाने के लिए अपनाया जाता है. मंगल ग्रह के दीपक का जलाना व्यक्ति को मंगल ग्रह के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. लाल कपूर और लौंग का तेल का दीपक जलाने से मंगल ग्रह के दुष्ट प्रभाव को कम किया जा सकता है और उसकी कृपा प्राप्ति में सहायक हो सकता है. इस प्रकार, मंगल ग्रह के दीपक का जलाना मंगल ग्रह के प्रति श्रद्धालुता और समर्पण को प्रकट करता है और व्यक्ति को उसकी कृपा प्राप्ति में सहायक होता है.

इस प्रकार, ज्योतिष शास्त्र में विभिन्न ग्रहों और मनोकामनाओं के लिए विभिन्न तेलों के दीपक जलाए जाते हैं ताकि उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त हो सके.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)