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अयोध्या में बन रही मस्जिद का खाका तैयार, 2000 लोग एक साथ अदा कर सकेंगे नमाज

अयोध्या के धनीपुर गांव में बन रही मस्जिद का खाका तैयार हो गया है. मस्‍जिद में एक बार में यहां लगभग 2,000 लोग एक साथ नमाज अदा कर सकेंगे. इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने नई मस्जिद का खाका तैयार किया है.

Updated on: 06 Dec 2020, 04:03 PM

नई दिल्ली:

अयोध्या के धनीपुर गांव में बन रही मस्जिद का खाका तैयार हो गया है. मस्‍जिद में एक बार में यहां लगभग 2,000 लोग एक साथ नमाज अदा कर सकेंगे. इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने नई मस्जिद का खाका तैयार किया है. यह मस्जिद ध्वस्त हुई बाबरी मस्जिद के बदले में सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी गई जमीन पर बनाई जाएगी. ट्रस्ट ने इस जमीन पर मस्जिद, एक अस्पताल, एक इंडो-इस्लामिकरिसर्च सेंटर और एक सामुदायिक रसोईघर को डिजाइन करने की जिम्मेदारी जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोफेसर एस.एम.अख्तर को दी है. अख्तर यहां के वास्तुकला विभाग के अध्यक्ष हैं.

15 हजार स्कवायर फीट पर बनाई जा रही इस मस्जिद की डिजाइन के अनुसार इसे एक आधुनिक रूप दिया गया है. सूत्रों ने कहा कि इमारत का आकार अंडाकार है, वहीं छत एक गुंबद होगा जो कि पारदर्शी होगा. मस्जिद में सोलर पैनल भी लगाए जाएंगे.

इससे पहले उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने ट्रस्ट का ऐलान किया था. बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी ने बताया कि बोर्ड ने अयोध्या (Ayodhya) के धन्नीपुर गांव में आवंटित की गई पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद, इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, लाइब्रेरी और अस्पताल के निर्माण के लिए 'इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन' नाम से एक ट्रस्ट बनाया है. ट्रस्ट में अभी कुल नौ सदस्य हैं. बाकी छह सदस्यों के नाम तय करने पर विचार किया जा रहा है. ये सदस्य मौजूदा सदस्यों की आपसी सहमति से तय किये जाएंगे. बोर्ड खुद इसका संस्थापक ट्रस्टी होगा और बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी इसके पदेन प्रतिनिधि होंगे.

फारुकी इस ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी एवं अध्यक्ष होंगे. इसके अलावा ट्रस्ट में अदनान फर्रुख शाह उपाध्यक्ष, अतहर हुसैन सचिव और फैज आफताब कोषाध्यक्ष होंगे जबकि मोहम्मद जुनैद सिद्दीकी, शेख सऊदउज्जमां, मोहम्मद राशिद और इमरान अहमद सदस्य होंगे. सचिव को ट्रस्ट का आधिकारिक प्रवक्ता भी बनाया गया है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नौ नवंबर को राम जन्मभूमि/बाबरी मस्जिद वाद में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण करने और मुसलमानों को मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था. इसके अनुपालन में सुन्नी वक्फ बोर्ड को फरवरी में अयोध्या जिले की सोहावल तहसील स्थित धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ ज़मीन दी गयी थी.