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लड्डू गोपाल की सेवा में इन नियमों की चूक खड़ी कर सकती है कई समस्याएं ( Photo Credit : Social Media, News Naion)
Rules For keeping Laddu Gopal: भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल को घर घर में पूजा जाता है. न सिर्फ ब्रज धाम में बल्कि देश के हर छोटे से छोटे कसबे और बड़े से बसे शहर में किसी न किसी घर में आपको लड्डू गोपाल की सेवा होते हुए मिल ही जाएगी. जहां कुछ लोग लड्डू गोपाल के मनमोहक स्वरूप के कारण उनकी मूर्ति को घर में रखते हैं. वहीं, कई लोग लड्डू गोपाल को घर में परिवार के सदस्य के रूप में लाते हैं और उनकी सेवा करते हैं. शास्त्रों के अनुसार, घर में लड्डू गोपाल को रखने से पहले या लड्डू गोपाल की पूजा के दौरान कुछ नियमों को जान लेना बेहद जरूरी है. लड्डू गोपाल की सेवा के समय इन नियमों का पालन शास्त्रों में अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया गया है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि किन नियमों और तरीकों के साथ रोजाना लड्डू गोपाल की सेवा की जानी चाहिए.
लड्डू गोपाल का स्नान
- जिस प्रकार माताएं अपने बच्चों को रोजाना स्नान करवाती हैं, उसी प्रकार से लड्डू गोपाल को भी स्नान कराना जरूरी माना गया है.
- लड्डू गोपाल का ख्याल एक बालक की तरह ही रखा जाता है.
- लड्डू गोपाल को स्नान कराते समय छोटे आकार के शंख का इस्तेमाल किया जाता है.
- धार्मिक मान्यतानुसार शंख मां लक्ष्मी का प्रतीक है.
- लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद उस जल को तुलसी में विसर्जित किया जाता है.
- लड्डू गोपाल को त्यौहार पर पंचामृत और रोजाना में गोपी चंदन से स्नान कराया जाता है.
- स्नान के बाद उन्हें साफ वस्त्र पहनाना जरूरी माना गया है.
लड्डू गोपाल का श्रृंगार
- लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद उनका श्रृंगार किया जाता है.
- लड्डू गोपाल को चंदन का टीका लगाया जाता है. उसके बाद उनकी नजर उतारी जाती है.
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लड्डू गोपाल का भोग
- लड्डू गोपाल को दिन में चार बार भोग लगाया जाता है. भोग में सात्विक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है.
- मान्यता यह भी है कि जिस घर में लड्डू गोपाल की सेवा की जाती है, उस घर में मांसाहारी व्यंजन नहीं पकाया जाता है.
- साथ ही भोजन में लहसुन, प्याज आदि का इस्तेमाल करने से भी परहेज किया जाता है.
- कहा जाता है कि घर में जो भी सात्विक भोजन बनता है, उसका भोग सर्वप्रथम लड्डू गोपाल को लगाया जाता है.
- उसके बाद घर के सदस्य भोजन करते हैं. वैसे लड्डू गोपाल को माखन और मिश्री का भोग लगाना अच्छा माना गया है.
- इसके अलावा खीर और हलवे का भी भोग लगाया जा सकता है.
लड्डू गोपाल को न छोड़ें अकेले
- कहा जाता है कि जिस घर में लड्डू गोपाल को विराजमान किया जाता है, उस स्थान को अकेला नहीं छोड़ा जाता है.
- अगर लंबे समय के लिए घर से दूर जा रहे हैं तो उन्हें भी साथ लेकर जाना चाहिए.
लड्डू गोपाल की आरती
- लड्डू गोपाल की न सिर्फ नियमित पूजा की जाती है, बल्कि रोजाना उनकी आरती भी की जाती है.
- सुबह-शाम लड्डू गोपाल की आरती करना अच्छा माना गया है.
- उनके साथ-साथ राधा-रानी की भी आरती की जाती है.